बेंगलुरु। इतिहास में पहली बार भारत का रॉकेट श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से ब्राजील का उपग्रह लेकर अंतरिक्ष रवाना होगा। साथ ही इस साल ISRO ने अपने पहले मिशन में कामयाबी हासिल की है। रविवार (आज) सुबह आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पीएसएलवी-सी51 को लॉन्च किया गया। PSLV-C51 अमेजोनिया-1 और दूसरे 18 सैटेलाइट को लेकर अंतरिक्ष में गया है। वहीं ISRO ने एक बयान में बताया कि पीएसएलवी-सी51, पीएसएलवी का 53वां मिशन है। इस रॉकेट के जरिए ब्राजील के अमेजोनिया-1 उपग्रह के साथ 18 अन्य उपग्रह भी अंतरिक्ष में भेजे गए हैं।
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ISRO के मुताबिक, इस रॉकेट को चेन्नई से करीब 100 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किया गया है। आपको बता दे कि, इस रॉकेट को 28 फरवरी को सुबह 10 बजकर 24 मिनट पर लॉन्च किया गया। इसकी उल्टी गिनती शनिवार सुबह 8 बजकर 54 मिनट पर शुरू हो गई थी। अमेजोनिया-1 को सफलतापूर्वक उसकी कक्षा में प्रक्षेपित कर दिया गया है।
साथ ही पीएसएलवी (पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल) सी51/अमेजोनिया-1 इसरो की वाणिज्य इकाई न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) का पहला समर्पित वाणिज्यिक मिशन है। अमेजोनिया-1 चार साल तक डाटा भेजता रहेगा। इस उपग्रह की लॉन्चिंग के लिए ब्राजील से वैज्ञानिकों का एक दल भारत आया था। वहीं ISRO अध्यक्ष के सिवन ने कहा कि ये भारत और ब्राजील दोनों के लिए गर्व का विषय है। अमेजोनिया-1 को पूरी तरह से ब्राजील के वैज्ञानिकों ने बनाया और विकसित किया था।
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आपको बता दे कि, इस ऐतिहासिक पल में इसरो के विज्ञान मंत्री सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में मौजूद थे। उन्होंने कहा कि ये बेहद गर्व का विषय है। इस लॉन्चिंग के लिए भारत से और कोई अच्छी जगह नहीं हो सकती थी। साथ ही अमेजोनिया-1 के बारे में बयान में बताया गया है कि यह उपग्रह अमेजन क्षेत्र में वनों की कटाई की निगरानी और ब्राजील के लिए विविध कृषि के विश्लेषण के लिए उपयोगकर्ताओं को दूरस्थ संवेदी आंकड़े मुहैया कराएगा तथा मौजूदा ढांचे को और मजबूत बनाएगा।