Amavasya 2023: कब है हिंदू वर्ष की आखिरी भौमवती अमावस्या, जानें स्नान-दान का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और इसका महत्व

Simran Vaidya
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अमावस्या तिथि का हिंदू धर्म में बेहद खास महत्व है। चैत्र माह में आने वाली यह अमावस्या वर्ष की अंतिम अमावस्या है। असल में, हिंदू नए साल का आरंभ 22 मार्च से हो रहा है। क्योंकि, उस दिन चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि है। पंचांग के मुताबिक, वर्ष का आरंभ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि से होता है और वर्ष का अंतिम चैत्र कृष्ण अमावस्या के दिन। चैत्र अमावस्या 21 मार्च मंगलवार को है। ऐसी हिंदू मान्यता हैं कि अमावस्या तिथि के दिन स्नान दान और पूजा पाठ करने से पितरों की आत्मा को बेहद शांति मिलती है। चैत्र अमावस्या तिथि मंगलवार को होने के कारण इसे भौमवती अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। भौमवती अमावस्या के दिन हनुमान जी की बेहद खास पूजा और आराधना की जाती है। अमावस्या के दिन पितृ दोष से निजात पाने के लिए उपाय करना भी काफी शुभ फलदायी रहता है। ऐसी मान्यताएं हैं कि जिन लोगों पर पितृ दोष होता है उनकी तरक्की नहीं हो पाती है। आइए जानते हैं अमावस्या तिथि का महत्व और उपाय।

Chaitra Bhutadi Amavasya 2023: क्या है भूतड़ी अमावस्या...जानें तिथि और क्या  है इसका महत्व - what is bhutadi amavasya 2023 significance and remedies -  GNT

चैत्र नवरात्रि के दिन सुबह किसी भी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। यदि आपके आसपास नहीं है तो आप घर में भी शीघ्र उठकर स्नान कर सकते हैं। इसके बाद ब्राह्मण को दान दक्षिणा देनी चाहिए। साथ ही उन्हें भोजन भी करवाना चाहिए। चैत्र अमावस्या के दिन पितरों का खास आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही इस दिन किए गए दान का फल कई गुना बढ़ जाता है।

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चैत्र अमावस्या शुभ मुहूर्त

अमावस्या तिथि का आरंभ 20 मार्च की रात 1 बजकर 48 मिनट से होगा
21 मार्च को 10 बजकर 53 मिनट तक अमावस्या तिथि रहेगी।

अमावस्या तिथि पर करें इन चीजों का दान

ऐसा कहा जाता है कि इस दिन ब्राह्मण को धोती और गमछा दान करने पर पितर अधिक प्रसन्न होते हैं। साथ ही ब्राह्मण के दान से व्यक्ति को नौकरी में आ रही समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है। इसके अलावा आप कोई चांदी की वस्तु भी दान में दे सकते हैं। ऐसा करने से आपको जीवन में सुख समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होगा। आप चाहें तो ब्राह्मण को दूध और चावल का दाम भी दे सकते हैं। इस तरह के दान से वंश की वृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस बात का ख्याल रखें की अमावस्या के दिन आप जो भी दान करें उस दौरान अपने हाथ में काले तिल जरुर लें।