Amarnath Yatra 2023: भोले शंकर के परम भक्तों के स्वागत सत्कार के लिए जम्मू-कश्मीर पूर्ण रूप से तैयार है। दरअसल एक जुलाई से प्रारंभ होने वाली अमरनाथ यात्रा के लिए अब तक तक़रीबन 3 लाख तीर्थ यात्री अग्रिम रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। वहीं इसी के साथ भगवती नगर से कल श्रद्धालुओं का पहला जत्था पावन अमरनाथ गुफा के लिए रवानगी लेगा। श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड और स्थानीय प्रबंधन ने बताया कि श्रद्धालुओं की सहूलियत को मद्देनजर रखते हुए तमाम प्रकार की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इसके अतिरिक्त सुरक्षा के कई पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं।
अमरनाथ यात्रा इस बार एक जुलाई से शुरू होने जा रही है। इसके लिए कल मतलब 30 जून को जम्मू के भगवती नगर से पहला जत्था आधार शिविर बालटाल और पहलगाम के लिए रवानगी लेगा। दोनों आधार शिविरों से शनिवार को श्रद्धालु पवित्र गुफा की तरफ अपनी यात्रा की शुरुआत करेंगे।
वहीं जम्मू-कश्मीर के एंट्री गेट लखनपुर से लेकर कश्मीर तक मूलभूत ढांचे के साथ अन्य आवश्यक सहूलियत को निर्धारित किया गया है। इस वर्ष यात्रा में रिकार्ड तोड़ तीर्थ श्रद्धालुओं के शामिल होने की आशा जताई गई है। पिछले वर्ष 44 दिन की यात्रा में लगभग 20 दिन बेकार मौसम की भेंट चढ़े थे और यात्रा काफी प्रभावित हुई थी। इस बार सिक्युरिटी सिस्टम में एक बेहद आवश्यक फब डाल किया गया है। गुफा मंदिर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की जगह भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के कर्मियों की पोस्टिंग हुई है, जो माउंटेन वारफेयर में ट्रेंड होते हैं।
अमरनाथ यात्रा की सेफ्टी में पहली बार ITBP की नियुक्ति
वहीं आईटीबीपी और सीमा सुरक्षा बल तक़रीबन आधा दर्जन शिविरों की मेजबानी करेंगे, जो पहले देश की प्राइमरी आंतरिक सुरक्षा बल सीआरपीएफ द्वारा सकुशल होते थे। सीआरपीएफ अब भी गुफा मंदिर की सीढ़ियों के नीचे सीधे नियुक्त रहेगी। मीडिया रिपोर्ट्स ने पहले पीटीआई को बताया कि यह नई व्यवस्था ‘उभरते सुरक्षा जोखिमों और चुनौतियों’ को मद्देनजर रखते हुए और ‘जम्मू-कश्मीर पुलिस की जरूरतों’ के मुताबिक बनाई गई है। एक ऑफिसर के अनुसार सीआरपीएफ के साथ-साथ अनेकों अन्य बलों को भी कार्य दिए गए हैं। क्योंकि सीआरपीएफ की कई कंपनियां मणिपुर में कानून और व्यवस्था की कंडीशन और पश्चिम बंगाल में पंचायत इलेक्शन के लिए भी काम कर रही हैं।
डाॅग स्क्वाड के साथ NDRF तैनात, एरियल सर्वे भी होगा
इसके अतिरिक्त, आईटीबीपी ने पिछले वर्ष अमरनाथ यात्रा के बीच अकस्मात आई बाढ़ के बाद भी निजात एवं सुरक्षा कार्य में आवश्यक भूमिका निभाई थी। ऑफिसर्स ने दावा किया कि इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि आईटीबीपी एक पहाड़ी सेना है, जो नेचरल त्रासदियों के लिए प्रशिक्षित है। ऑफिसियल सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने किसी भी टेररिस्ट गतिविधियों का डटकर मुकाबला करने और आपदाओं पर तत्काल मुंहतोड़ जवाब देने के लिए इंटर-एजेंसी कोआर्डिनेशन और ड्रोन, डॉग स्क्वायड और एरियर सर्वे समूहों के इस्तेमाल पर भी बल दिया है। उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ के डाॅग स्क्वाड की एक टीम पहले ही पोस्ट कर दी गई है, ताकि उन्हें ऊंचाई और ठंडे मौसम के अनुरूप ढाला जा सके।
इस वार्षिक तीर्थयात्रा का समयांतराल 62 दिनों का होगा
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 27 जून को अमरनाथ यात्रा की व्यापक सिक्युरिटी समीक्षा की. नॉर्थ ब्लॉक में गठित मीटिंग की अध्यक्षता केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने की, जिसमें सीआरपीएफ, बीएसएफ और आईटीबीपी जैसे केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के बड़े अधिकारी और खुफिया विभाग, सेना के ऑफिसर्स मौजूद थे। साथ ही मीडिया सूत्रों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस और प्रशासन तथा अमरनाथ श्राइन बोर्ड शामिल थे। इस वार्षिक तीर्थयात्रा की अवधि अबकी बार 62 दिनों की होगी, जो 1 जुलाई से प्रारम्भ होकर 31 अगस्त तक चलने वाली है। अमरनाथ यात्रा के तीर्थयात्री दो मार्गों- बालटाल और पहलगाम से दौरा करते हैं। श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के ऑफिसर्स ने कहा कि पिछले वर्ष 3.45 लाख भक्तों ने गुफा मंदिर का दौरा किया था और इस बार यह आंकड़ा 5 लाख के पार भी जा सकता है।