- इस इनोवेटिव रेंज के लॉन्च के साथ, एल्युकोबॉन्ड ने अपने कलर्स एवं सर्फेस के पोर्टफोलियो को और मजबूत बनाया
मुंबई: विश्व स्तर पर उच्च गुणवत्ता वाले एल्युमीनियम कंपोजिट मैटेरियल्स के क्षेत्र में नई खोज करने वाली और इनका निर्माण करने वाली स्विट्जरलैंड की एक बड़ी कंपनी, 3A कंपोजिट्स के फ्लैगशिप ब्रांड, एल्युकोबॉन्ड ने अपने प्रमुख पोर्टफोलियो को प्रोत्साहन देने के लिए कलर्स एवं सर्फेस की एक अनोखी और क्लासिक रेंज लॉन्च की है। कंपनी की तीन नई पेशकशों में: कलरस्केप्स, कंक्रीट और ग्रोव शामिल हैं।
एल्युकोबॉन्ड ने इन तीन नई सीरीज को शामिल करते हुए 40 से अधिक रंगों का एक नया व बेहद आकर्षक पोर्टफोलियो प्रस्तुत किया है, और ग्राहक इनमें से अपने पसंदीदा रंगों को चुन सकते हैं। एल्युकोबॉन्ड ने भवन निर्माण में लंबे समय तक उपयोग के लिए सबसे बेहतर सर्फेस कोटिंग और रंगों की इन तीन सीरीज के साथ आर्किटेक्ट्स को अपने डिजाइनों को एक अलग पहचान देने में मदद की है। कंपनी ने अपने इस नए पोर्टफोलियो को खास तौर पर प्रीमियम वाणिज्यिक और आवासीय इमारतों, हवाई अड्डों, शॉपिंग मॉल या संस्थानों के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिनका निर्माण कार्य देश के विभिन्न हिस्सों में लगातार जारी है। फिलहाल कंपनी अपने समर्पित और अच्छी तरह से स्थापित सेल्स नेटवर्क के जरिए देश के बड़े बाजारों में आर्किटेक्ट्स, डेवलपर्स और फैब्रिकेटर्स को लक्षित कर रही है। 3A कंपोजिट्स पुणे के निकट स्थित अपनी अत्याधुनिक सुविधा में एसीपी मटेरियल्स का निर्माण कर रहा है, जिसकी स्थापना 2007 में हुई थी, और यह पूरी तरह से प्रधानमंत्री की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के अनुरूप है।
श्री रणजीत शर्मा, अध्यक्ष एवं सीईओ, 3A कंपोजिट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, ने लॉन्च के बारे में बात करते हुए कहा, “एसीपी इंस्टॉल करने की बात की जाए, तो इस मामले में हमारा फ्लैगशिप ब्रांड एल्युकोबॉन्ड हमेशा से ही आर्किटेक्ट्स की पहली पसंद रहा है। हमने अपने पहले से मौजूद पोर्टफोलियो में तीन नई कलर सीरीज़ पेश की हैं, ताकि आग से बचाव करने वाली इन सुरक्षित सामग्रियों के साथ आर्किटेक्ट्स को आधुनिक और बिल्कुल अनोखे स्टाइल वाली इमारतों को तैयार करने के लिए अपनी बेहतरीन रचनात्मकता को उजागर करने में मदद मिल सके। यह डिजाइनिंग ट्रेंड की एक नई लहर लाएगा और इससे आर्किटेक्ट्स को सुरक्षा के साथ डिजाइनिंग की सुंदरता हासिल करने में मदद मिलेगी।”
श्री अमर किराले, प्रमुख – मार्केटिंग, भारत एवं दक्षिण-पूर्व एशिया, 3A कंपोजिट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, ने कलर्स की इस नई सीरीज को बिल्कुल लीक से हटकर बताते हुए कहा कि, “कलर्स की इस नई सीरीज में सावधानीपूर्वक तैयार किए गए हल्के रंगों से लेकर गहरे और चमकदार रंगों को शामिल किया गया है, जिससे आर्किटेक्ट्स की रचनात्मकता को बल मिलेगा और उन्हें अपने डिजाइनों को दिखने में पहले से ज्यादा आकर्षक बनाने में मदद मिलेगी। मैटेलिक, सघन और जीवंत रंगों के सही तालमेल से वास्तुकला के कुछ पहलुओं को निखारा जा सकता है। आर्किटेक्ट्स इसकी मदद से डिज़ाइन के प्रमुख क्षेत्रों के सबसे अहम घटकों को उजागर कर सकते हैं।”
‘कलर्सकैप्स’ रेंज में मैटेलिक, सघन रंगों के साथ-साथ सर्फेस भी शामिल है, जिसकी मदद से आर्किटेक्ट अपने स्टाइल का डिजाइन तैयार करने के लिए विभिन्न प्रकार के रंगों का उपयोग करने में सक्षम होंगे। एल्यूमीनियम कंपोजिट मैटेरियल के लुक को बिल्कुल कंक्रीट की तरह बनाने के लिए, एल्युकोबॉन्ड ने ‘कंक्रीट’ कलर्स की एक नई सीरीज पेश की है, जिसका इस्तेमाल मुख्य रूप से इमारत के सामने वाले हिस्से की क्लैडिंग के लिए किया जा सकता है। एल्युकोबॉन्ड ने लकड़ी के मूल स्वरूप को सामने लाने के लिए ‘ग्रोव’ नामक एक अनोखी सीरीज पेश की है, जिससे डिजाइनर को कुदरती लकड़ी के बजाय एल्यूमीनियम कंपोजिट मैटेरियल का उपयोग करने का विकल्प मिलता है और उन्हें फंगस, काई या सड़न की चिंता भी नहीं करनी पड़ती है।
भारत में, लगभग 25 हवाई अड्डों, आईआईटी जैसे कई प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों, सैकड़ों प्रमुख पेट्रोल पंपों, नई दिल्ली के प्रमुख मेट्रो स्टेशनों आदि के निर्माण में एल्युकोबॉन्ड का बड़े पैमाने पर उपयोग किया गया है। हाल के दिनों में कुछ उल्लेखनीय परियोजनाओं में भी एल्युकोबॉन्ड का उपयोग किया गया है, जिनमें साबरमती हाई-स्पीड रेल टर्मिनल, भारत के सबसे बड़े निर्माणाधीन कन्वेंशन सेंटर, यानी नई दिल्ली के द्वारका में इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर (IICC), मुंबई में स्थित जियो कन्वेंशन सेंटर और जियो वर्ल्ड ड्राइव आदि शामिल हैं।
श्री शर्मा ने आगे कहा कि, “अब तक देश भर में प्रीमियम आर्किटेक्चरल सेगमेंट में 130 मिलियन वर्ग फुट से अधिक क्षेत्र में एल्युकोबॉन्ड के एसीपी का उपयोग किया जा चुका है। वर्ष 1995 में जब एल्युकोबॉन्ड ने पहली बार भारत में कदम रखा था, तो इसने एकदम नई भवन निर्माण-सामग्री के तौर पर भारतीय बाजारों में एक नई लहर पैदा कर दी थी। मुंबई जैसे शहर में सिटी बैंक, आईएल एंड एफएस, एनएसई, बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में भारत डायमंड बोर्स जैसी ढेर सारी इमारतें हैं, जिनमें 90 के दशक के अंत और 2000 के दशक की शुरुआत में एल्युकोबॉन्ड का उपयोग किया गया था। इन सभी इमारतों पे, जहां पर एल्युकोबॉन्ड एसीपी शीट प्रयोग की गई, वो अभी भी उचित स्थिति मे दिखते हैं, जो एल्युकोबॉन्ड की विश्व स्तरीय गुणवत्ता की जीती-जागती मिसाल है। इसने आर्किटेक्चरल सेगमेंट में बड़े पैमाने पर बदलाव लाने के साथ-साथ एक नया प्रतिमान स्थापित किया है।”