गौहत्या पर इलाहबाद कोर्ट ने अपनाया सख्त रुख, कहा- गौ हत्यारे उतने साल नरक में सड़ेंगे, जितने उनके शरीर पर बाल हैं

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गोहत्या पर इलाहबाद हाईकोर्ट ने हत्यारों के सख्त रुख अपनाते हुए आदेश दिया है। हिंदू धार्मिक ग्रंथों का हवाला देते हुए कहा है कि गाय की हत्या करने वाला व्यक्ति नरक में सड़ता है। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने पीठ ने केंद्र सरकार से गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने और गाय को संरक्षित पशु घोषित करने के लिए कानून बनाने को भी कहा है।

वहीं इस मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस शमीम अहमद ने हिन्दू धार्मिक ग्रंथों का हवाला देते हुए कहा कि गाय की हत्या करने वाला व्यक्ति नरक में सड़ता है। उन्होंने आगे कहा, “हम एक धर्मनिरपेक्ष देश में रहते हैं। हमें हिंदू धर्म सहित सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए। हिंदू धर्म में गाय को सबसे पवित्र माना जाता है। हिंदू धर्म में ऐसा विश्वास है कि गाय दैवीय और प्राकृतिक लाभ का प्रतिनिधि है, इसलिए गाय की रक्षा करनी चाहिए।”

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इसके साथ ही जज ने हिन्दू धर्म में गाय का महत्व बताते हुए कहा, गाय को अलग-अलग देवताओं से भी जोड़ा गया है। भगवान शिव, जिनकी सवारी है नंदी। भगवान इंद्र कामधेनु गाय से जुड़े हैं। भगवान कृष्ण जो बचपन में गाय चराते थे। किंवदंतियों के अनुसार, गाय समुद्र मंथन के दौरान दूध के सागर से प्रकट हुई थी। उसे सप्त ऋषियों को दिया गया और बाद में वह महर्षि वशिष्ठ के पास पहुंचीं। इसी के साथ, अदालत ने केंद्र सरकार से गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानून लाने और गाय को ‘संरक्षित राष्ट्रीय पशु’ घोषित करने का भी आह्वान किया