Akash Deep Story: पिता-भाई को खोने के बाद भी नहीं हारी हिम्मत, संघर्ष और जज्बे के दम पर टीम इंडिया में बनाई जगह, कुछ ऐसी है ‘आकाश’ की कहानी

Suruchi
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आज इंग्लैंड के विरुद्ध चौथे टेस्ट मैच खेला जा रहा है, इस मैच में भारत की तरफ से आकाश दीप को डेब्यू कैप मिली है। बता दें इंडिया टीम के कोच राहुल द्रविड़ ने महज 27 साल के बाएं हाथ के गेंदबाज को डेब्यू कैप सौंपी है और बाकि सभी खिलाड़ियों ने उनका स्वागत भी किया।

जी हां हम बात कर रहे है आकाश दीप की जिनको रांची टेस्ट में डेब्यू करने का मौका मिला है। आकाश दीप ने अपने संघर्ष और जज्बे के दम पर इस मंजिल को हासिल किया है। इंग्लैंड के कैप्टन बेन स्टोक्स ने टॉस जीतकर पहले बेटिंग करने का फैसला लिया। इस दौरान इंडिया की टीम में एक बदलाव हुआ है। कप्तान रोहित शर्मा ने जसप्रीत बुमराह की जगह पर आकाश दीप को टेस्ट डेब्यू कराया।

आकाश दीप ने अपने करियर की शुरुआतटेनिस गेंद से शुरू की थी और इसमें उनका सफर अंत में इंटरनेशनल क्रिकेट तक पहुंचा गया। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया है कि उनके पिता हमेशा से ही चाहते थे कि वो सरकारी नौकरी करें, जिसको लेकर आकाशदीप ने कई परीक्षा भी दीथी, लेकिन वो पेपर में कुछ भी लिखते थे। उनके सिर पर केवल क्रिकेटर बनने का जुनून था।

जानकारी के अनुसार आपको बता दें कि आकाश दीप ने कुछ समय पहले ही अपने पिता और भाई दोनों को इस दुनिया से अलविदा कहा है। ऐसे में उनके लिए बहुत मुश्किल है इस दौर से गुजरना और क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करना। लेकिन इतने मुश्किल समय में भी वो अंदर से नहीं टूटे और उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और बेहतरीन परफॉर्मेंस कर भारत की टेस्ट टीम में अपनी जगह बना ली है।