इंडियन एयरफोर्स के प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने आज दिल्ली में ‘एयरोस्पेस पावर इन फ्यूचर कॉन्फ्लिक्ट्स’ विषय पर सेमिनार में कहा कि राजनीतिक इच्छाशक्ति हो तो दुश्मन के इलाके में घुसकर वायुसेना की ताकत दिखाई जा सकती है। बालाकोट जैसे ऑपरेशन में ये बात साबित भी हो चुकी है।
‘आकाश को अक्सर जिज्ञासा और अनुसंधान के क्षेत्र के रूप में देखा गया’
इस सेमिनार में वीआर चौधरी ने भविष्य में एयरोस्पेस पावर के बारे में कहा कि आज सभी देश रणनीतिक लाभ के लिए अंतरिक्ष आधारित संपत्तियों पर निर्भर हैं। अंतरिक्ष का सैन्यीकरण और हथियारीकरण आज की वास्तविकता बन गया है। वीआर चौधरी ने कहा कि पूरे मानव इतिहास में आकाश को अक्सर जिज्ञासा और अनुसंधान के क्षेत्र के रूप में देखा गया है, जहां सपने ऊंची उड़ान भरते हैं और सीमाएं नीले विस्तार में विलीन हो जाती हैं। फिर भी, इस शांति के पीछे प्रतिस्पर्धा से भरा एक क्षेत्र है, जहां हर कोई खुद को बेहतर साबित करने की कोशिश कर रहा है। इस प्रतियोगिता ने कई देशों का भाग्य निर्धारित किया है और कई युद्धों का परिणाम तय किया है।
‘भविष्य के युद्ध गतिज और गैर-गतिशील ताकतों का मिश्रण होंगे’
वीआर चौधरी ने कहा कि इस समय जब हम आसमान के उन हिस्सों को नेविगेट कर रहे हैं जहां हम पहले नहीं गए हैं, हमारी वायुसेना की ताकत इसमें बड़ी भूमिका निभाएगी। वायु सेना राष्ट्रीय क्षमता के प्रतीक, शांति और सहयोग के एक उपकरण के रूप में काम करेगी। भविष्य के युद्ध गतिज और गैर-गतिशील ताकतों का मिश्रण होंगे। इन युद्धों में कई क्षेत्रों में एक साथ ऑपरेशन शामिल होंगे। ये लड़ाइयां और भी घातक होंगी और जाहिर तौर पर ये सब मीडिया की पैनी नजरों के सामने होगा।