ऑल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन की केंद्रीय समिति की बैठक के समापन के पश्चात महासचिव सी एच वैंकटाचलम ने बैंकों के निजीकरण को लेकर अपनी बात कही। इस दौरान वैंकटाचलम ने कहा कि वर्तमान केंद्र सरकार के द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को निजी क्षेत्र में धकेलना विकास विरोधी कदम है और देश का सबसे बड़ा बैंककर्मी संगठन ऑल इंडिया बैंक एंप्लाइज एसोसिएशन इसके विरोध में हड़ताल की हद तक आंदोलन का निर्णय भी ले चुका है।
दरअसल मध्य प्रदेश बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन के चेयरमैन मोहन कृष्ण शुक्ला के अनुसार वैंकटाचलम का कहना है कि ‘सार्वजनिक बैंकों में जमा धन जनता का है और इसे निजी क्षेत्र के चंद पूंजीपतियों को सोपे जाने का निर्णय हमें स्वीकार बिल्कुल भी नहीं है। इसके विरुद्ध हड़ताल तक की हद तक भी आंदोलन किया जाएगा’। वैंकटाचलम का कहना है कि ‘इस दौरान हड़ताल की तारीख की घोषणा भी जल्द ही की जाएगी। सरकारी क्षेत्र में बैंकों में त्रिस्तरीय ढांचे की जगह पर द्विस्तरीय ढांचा लाने की मांग करते हुए कहा कि इससे छोटे किसानों और उद्यमियों को कम ब्याज पर ऋण दिया जा सकेगा’।
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वैंकटाचलम ने बैंककर्मियों के लिए लागू 11वे वेतन समझौते की समाप्ति और 12वे समझौते की मांग का उल्लेख करते हुए कहा कि ‘बढ़ती हुई महंगाई और सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के चलते अगले वेतन समझौते का मांग पत्र का मसौदा तैयार किया गया है। इसमें आर्थिक मांगों के अलावा भी बैंककर्मियों की निजी और सामाजिक जरूरतों को भी इसमें शामिल किया है’। केंद्रीय समिति की बैठक की अध्यक्षता राजेन नगर के द्वारा की गई एवं मेजबान मध्यप्रदेश बैंक एम्पलॉइज एसोसिएशन के चेयरमैन मोहन कृष्ण शुक्ला भी मौजूद थे।