इन्दौर : बार काउन्सिल ऑफ इंडिया द्वारा वर्ष 2009 में नये वकीलों के लिये एक नियम बनाया गया है, जिसके तहत, हर नये अभिभाषक को दो साल की समयावधि में बार काउन्सिल द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर सम्पादित होने वाली परीक्षा पास करनी होती है, अन्यथा उसे आगे वकालत करने की अधिकारिता नहीं रह जाती है.
वर्ष 2020 के पहले मध्यप्रदेश में केवल जबलपुर और भोपाल सेंटर थे जहां दूर दूर निवास करने वाले सेंकडों अभिभाषक यात्रा करके परीक्षा देने जाया करते थे, जो कि सभी के लिये बड़ा महँगा और कष्टदायक होता था, लेकिन इस बार युवा अभिभाषकों की माँग पर मध्यप्रदेश बार काउन्सिल के सदस्य सुनील गुप्ता ने अधिक रुचि लेकर सर्वप्रथम इन्दौर को परीक्षा केन्द्र बनवाने में सफलता हासिल की और इसके बाद अन्य सदस्यों ने मिलकर भोपाल और ग्वालियर को परीक्षा केन्द्र घोषित करवाने का महत्वपूर्ण कार्य किया.
इस प्रकार अब मध्यप्रदेश में जबलपुर, इन्दौर, भोपाल और ग्वालियर को मिलाकर चार परीक्षा केन्द्र बन गये हैं. इस बार काफ़ी बड़ी संख्या में युवा अधिवक्ताओं ने इन्दौर केन्द्र का चयन किया था जहां सेंकडों परीक्षार्थियों ने ओरीएंटल यूनिवर्सिटी के कैम्पस में जाकर ऑल इंडिया बार ऐक़ज़ाम (AIBE) दी.
देवी अहिल्या विश्वविध्यालय के वर्ष 2020 के तीन वर्षीय पाठ्यक्रम के गोल्ड मेडलिस्ट और इन्दौर के युवा अभिभाषक अंशुमान माथुर ने बताया कि ऑरीएंटल यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार सोशल डिस्टन्सिंग का पूरा ख़याल रखते हुए छात्र हित में बहुत अच्छा इंतज़ाम किया था और इतनी अच्छी व्यवस्था के कारण भविष्य में इन्दौर के आसपास क्षेत्र के ज़्यादा से ज़्यादा परीक्षार्थी यहाँ आकर परीक्षा देने हेतु आकर्षित होंगे.