गुजरात के उप-मुख्यमंत्री नितिनभाई पटेल और आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा की उपस्थिति में 15 जुलाई, 2021 को आयुष मंत्रालय के अधीनस्थ जामनगर स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ टीचिंग एंड रिसर्च इन आयुर्वेद (आईटीआरए) और गुजरात सरकार के बीच एक समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गये। इस समझौता-ज्ञापन के जरिये जामनगर में आयुर्वेद परिसर में चलने वाले सभी संस्थानों को आईटीआरए के तहत लाया गया है। उल्लेखनीय है कि आयुष मंत्रालय के अधीन आईटीआरए ऐसी एकमात्र संस्था है, जिसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा प्राप्त है।
समझौता-ज्ञापन के महत्व का उल्लेख करते हुये नितिन भाई ने कहा कि इस समझौते से आयुर्वेद की सभी शाखाओं की शिक्षण प्रणाली को मजबूत बनाने की राह खुलेगी। आईटीआरए के निदेशक प्रो. डॉ. अनूप ठक्कर और गुजरात आयुर्वेद यूनिवर्सिटी के कार्यवाहक रजिस्ट्रार एचपी झाला ने समझौता-ज्ञापन का आदान-प्रदान किया।समझौते पर हस्ताक्षर किये जाने के अवसर पर उप-मुख्यमंत्री ने कहा, “इस व्यवस्था से शिक्षा, अनुसंधान और औषधि के क्षेत्रों में नये द्वार खुलेंगे।” उम्मीद की जाती है कि आयुर्वेद के क्षेत्र में नये तरीके से शिक्षण की तैयारी करने में आसानी होगी।
इसके अलावा चिकित्सा और अनुसंधान प्रणालियों तथा अध्ययन-अनुसंधान प्रक्रिया को भी बल मिलेगा। इस तरह आयुर्वेद की शिक्षा और अनुसंधान का दायरा बढ़ जायेगा।उपस्थितजनों को सम्बोधित करते हुये वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि आयुर्वेद के क्षेत्र में नई शिक्षण, चिकित्सा और अनुसंधान प्रणाली तैयार करने में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि अध्ययन और अनुसंधान प्रक्रिया को और गहन बनाया जा सकता है। कोटेचा ने कहा कि आईटीआरए आयुर्वेद शिक्षा का अनुकरणीय संस्थान है और वह देशभर में अनुसंधान संस्थानों को नया आकार देने में महत्त्वपूर्ण काम कर रहा है।