जनसभाओ में बरसें कमलनाथ, कहा – प्रदेश के माथे पर बिकाऊ राजनीति का कलंक नहीं चाहता था

Akanksha
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भोपाल : प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज आगर मालवा जिले की आगर विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी विपिन वानखेड़े और देवास जिले की हाटपिपलिया विधानसभा के कांग्रेस प्रत्याशी राजवीर सिंह बघेल के समर्थन में आज विशाल जनसभाओं को संबोधित किया।

उनके संबोधन के प्रमुख बिंदु –

-आज महर्षि वाल्मीकि जी की जयंती है, सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की जयंती है और इंदिरा गांधी जी की पुण्यतिथि भी है।सभी के श्रीचरणों में नमन कर श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूँ।
-इंदिरा गांधी जी के साथ मुझे काम करने का काफी अवसर मिला।मैं उन्हीं से प्रेरित होकर राजनीति में आया था ,उनकी दी हुई सीख आज भी मेरे कानों में गूंजती है।उनकी नैतिकता ,सिद्धांतो ,आदर्शों की बात आज भी मेरे कानों में गूंज रही है इसीलिए मैंने प्रदेश में सौदेबाजी की राजनीति नहीं की।मैं भी मुख्यमंत्री था ,मैं चाहता तो सौदेबाजी कर अपनी सरकार बचा सकता था लेकिन मैं प्रदेश की राजनीति को कलंकित नहीं करना चाहता था ,प्रदेश के माथे पर बिकाऊ राजनीति का कलंक नहीं लगाना चाहता था।
-आज प्रदेश में 28 उपचुनावो में से 25 उपचुनाव सौदेबाजी व बोली के कारण हो रहे हैं।मैं आज फिर दोहरा रहा हूं  कुछ नेता बिकाऊ हो सकते हैं लेकिन हमारा प्रदेश का मतदाता कभी बिकाऊ नहीं हो सकता है।
-कुछ लोग  पैसा लेकर घूम रहे हैं ,मै तो कहता हूँ कि ले लेना ,यह तो आपका ही पैसा है ,यह तो सौदेबाजी का पैसा है लेकिन फ़ैसला प्रदेश का भविष्य देखते हुए आप करना ,किसानों-युवाओं के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए फैसला करना।
-मुझे किसी भी स्टार प्रचारक के पद व कद की जरूरत नहीं।मुझे तो प्रदेश की जनता पर पूरा विश्वास है ,मैं तो जनता से सड़क पर खड़े होकर भी अपनी बात बोल सकता हूँ।
-मैं कहता हूं शिवराज जी कलाकार हैं तो उन्हें एतराज होता है।
-प्रदेश की जनता ने 2018 में ही तय कर लिया था कि 15 वर्ष शिवराज जी को देख लिया ,अब उन्हें घर बैठे आएंगे ,विदा करेंगे लेकिन उन्होंने 15 माह में ही सौदेबाजी से हमारी सरकार गिराकर जनमत का और जनादेश का अपमान किया।
-15 माह में मुझे काम करने के लिए सिर्फ़ साढ़े 11 माह ही मिले लेकिन इसमें भी हमने अपनी नीति और नियत का परिचय दिया।
-आज मै तो अपने इन साढ़े 11 माह का रोज़ हिसाब दे रहा हूँ लेकिन शिवराज जी ना अपने पिछले 15 वर्ष का और ना अपने वर्तमान 7 माह का कोई हिसाब नहीं दे रहे है।
-शिवराज ने 15 वर्ष बाद जो प्रदेश हमें सौंपा वह किसानों की आत्महत्या ,महिलाओं पर अत्याचार, बेरोजगारी ,भ्रष्टाचार में नंबर वन था।
-हर क्षेत्र में चुनौती थी ,कृषि क्षेत्र में भी चुनौती थी ,किसानों को न्याय नहीं मिल पा रहा था ,उनको उनकी उपज का सही दाम नहीं मिल पा रहा था।किसान समर्थन मूल्य को लेकर भटक रहा था , फ़सल बेचने के लिये कई- कई दिन चक्कर लगा रहा था।यह शिवराज के 15 वर्ष की हक़ीक़त थी।
-आज हमारी अर्थव्यवस्था 70% कृषि क्षेत्र पर आधारित है।
-हमने प्रदेश की इसी तस्वीर को बदलने को लेकर काम किया , हमने कृषि क्षेत्र में क्रांति की शुरुआत की ,हमने 27 लाख किसानों का कर्ज माफ किया।जिसको लेकर शिवराज जी निरंतर झूठ बोलते रहे और बाद में उनकी सरकार ने ही विधानसभा में इस कर्ज माफी की सच्चाई को स्वीकार किया।
हमने अपना दृष्टिकोण व नज़रिया साफ़ किया।
-हमारी सरकार आने पर हम बचे किसानों के भी 2 लाख तक के कर्ज माफ करेंगे।
-इतिहास में पहली बार हमने डिफाल्टर ही नहीं बल्कि चालू खाते वालों का भी कर्ज माफ किया।
-भाजपा सरकार किसानों को बर्बाद करने के लिए तीन काले कानून ले आयी लेकिन हमने स्पष्ट कर दिया है कि हमारी सरकार आने पर हम इन्हें मध्य प्रदेश में लागू नहीं करेंगे और समर्थन मूल्य से कम खरीदी को अपराध बनाने वाला कानून लाएँगे , इससे किसानो की क्रय शक्ति बढ़ेगी।
-क्या मैंने किसानों का कर्जा माफ कर ,माफ़ियाओ व मिलावटखोरो के ख़िलाफ़ अभियान चलाकर ,युवाओं को रोजगार देकर ,महिलाओं को सम्मान व सुरक्षा देकर, ₹100 में 100 यूनिट बिजली देकर ,कन्या विवाह की राशि बढ़ाकर ,सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि डबल कर ,पिछड़े वर्ग को 27% आरक्षण देकर ,किसानों को आधी दर में बिजली देकर , गौशालाएँ बनाकर , प्रदेश की नई पहचान बनाकर क्या कोई पाप ,गुनाह या गलती की ?
-प्रदेश में कोई निवेश नहीं आता था क्योंकि प्रदेश की पहचान माफिया-मिलावटखोरों व भ्रष्टाचार से थी।
-प्रदेश पर कोई विश्वास नहीं करता था।हमने इसी पहचान को बदलने का काम किया।जिससे प्रदेश में एक विश्वास का माहौल हो , निवेश आ सके ,जिससे युवाओं को रोजगार मिल सके।
-बाबा साहेब द्वारा बनाए संविधान में किसी विधायक-सांसद के निधन पर उपचुनाव का प्रावधान था लेकिन उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि सौदेबाजी व बोली से भी उपचुनाव होंगे।
-भाजपा ने सौदेबाजी व बोली से सरकार बना कर प्रदेश को देश भर में कलंकित किया।भाजपा का तो लक्ष्य है कि पंचायत के भी चुनाव ना हो ,बोली लगाकर सरपंच चुन लिया जाए।

  • यह साधारण उपचुनाव नहीं है , यह तो मध्य प्रदेश के किसानों ,युवाओं के भविष्य का चुनाव है।
    -शिवराज सरकार में जितने उद्योग लगते नहीं थे ,उससे ज्यादा बंद हो जाते थे।
    -शिवराज जी ना किसानों की पीड़ा देख सकते हैं ,ना बेरोजगार युवाओं की पुकार सुन सकते हैं ,ना दुखी महिलाओं के आंसू देख सकते है ,इनकी आंख और कान नहीं चलते ,इनका तो सिर्फ़ मुँह चलता है।
    -प्रदेश की जनता तो कहती है कि “किसान बिना दाम के-नौजवान बिना काम के तो शिवराज जी आप किस काम के “ और ऐसा कह कर उन्होंने आपको घर बैठाया था।
    -शिवराज जी मुँह चालने और प्रदेश चलाने में बड़ा अंतर है।
    -3 नवम्बर के बाद यह तंबू-टेंट-झंडे-पोस्टर नहीं रहेंगे , ग़द्दार भी नहीं रहेंगे लेकिन हमारा युवा नौजवान यही रहेगा ,किसान भाई यही रहेगा और आपके साथ कमलनाथ भी यही रहेगा।
    -मुझे विश्वास है कि प्रदेश के नौजवान ,किसान भाई ,माताएं-बहने मध्य प्रदेश का भविष्य सुरक्षित रखेंगे।
    -आप भले कमलनाथ का साथ मत देना ,कांग्रेस का साथ मत देना लेकिन सच्चाई का साथ जरूर देना।

-सभा को संबोधित करते हुए आचार्य प्रमोद कृष्णन ने कहा कि छिंदवाड़ा के विकास मॉडल पर पूरे भारत को गर्व है।कमलनाथ के चुनाव प्रचार से शिवराज डर गए ,भयभीत हो गए।कलयुग के मामा का अंत होगा ,लोकतंत्र की हत्या करने वालों को जनता सबक सिखायेगी।कमलनाथ का प्रचारक पद भले छीन लो लेकिन कमलनाथ का प्रचार तो वह युवा करता है जो रोजगार की तमन्ना रखता है ,कमलनाथ जी का प्रचार तो वह गौ सेवक करता है जो गौ माता की सेवा करना चाहता है ,कमलनाथ जी का प्रचार तो वह किसान करता है जो खुशहाली के लिए कमलनाथ जी को दुआएं देता है।ना खुदा मिलेगा -न विसाले सनम ,ना इधर के रहे ना उधर के रहे ,यह हाल चुनाव के बाद महल वालों का होगा।

-सभा को राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने संबोधित करते हुए कहा कि आज से 2 वर्ष पूर्व आपने प्रदेश से शिवराज सरकार को विदा किया था ,आपने सही निर्णय लिया था।कांग्रेस की सरकार बनी लेकिन शिवराज सिंह को यह बात हजम नहीं हुई वह पिछले दरवाजे से दोबारा मुख्यमंत्री बन बैठे।मै शिवराज जी से पूछना चाहता हूँ कि यदि आप लोकतंत्र का इतना ही सम्मान करते हो ,मतदाताओं का व जनादेश का सम्मान करते हो तो सबसे पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए कि किस कारण से जनता ने आपको घर बैठाया था।
-यह वही किसान हितेषी मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने मंदसौर में निहत्थे किसानों की छातियों पर गोलियां चलवाई थी।यह वही है जो बातें तो किसानों की आय दोगुनी की करेंगे ,हर खाते में 15 लाख डालने की करेंगे ,2 करोड रोजगार प्रतिवर्ष देने की बात करेंगे और आज जब इनसे सवाल पूछो तो यह कभी चीन,कभी पाकिस्तान ,कभी मंदिर ,कभी जाति पर बात करते हैं ,यह बिजली ,पानी ,स्कूल ,अस्पताल ,चिकित्सा पर बात नहीं करते।
-प्रदेश के इतिहास में व्यापम से बड़ा आज तक कोई घोटाला नहीं हुआ।बड़ा ही आश्चर्यजनक है कि 15 साल वाले आज 15 माह वालों से हिसाब मांग रहे हैं।

-सभा को संबोधित करते हुए सांसद नकुल नाथ ने कहा कि आज बड़ी संख्या में युवा इस सभा में आए हैं।आज हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती युवाओं को रोजगार देने की है ,बढ़ती बेरोजगारी की है।केंद्र सरकार ने हर वर्ष दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था ,6 वर्ष हो गए रोजगार तो नहीं दे पाए लेकिन 5 करोड़ से अधिक युवाओं को इन्होंने बेरोजगार कर दिया।हमारी सरकार वापस आने पर हमारा मुख्य फोकस युवा और रोजगार रहेगा ,हमारा फोकस किसान भाई भी रहेंगे। हमारी सरकार आने पर केंद्र सरकार के 3 किसान विरोधी काले कानूनों को हम मध्य प्रदेश में लागू नहीं करेंगे ,जिसमें समर्थन मूल्य का कोई जिक्र नहीं है।हमारी सरकार में किसान और युवाओं का भविष्य सुरक्षित रहेगा।

-हाटपिपलिया की सभा को संबोधित करते हुए  विवेक तंखा ने कहा कि  चुनाव आयोग ने कमलनाथ जी को स्टार प्रचारक से हटाने का आदेश दिया है।स्टार प्रचारक तो  पार्टी तय करती है।मेरा मानना है कि इसमें चुनाव आयोग को कोई अधिकार नहीं है कि वह यह तय करें कि कौन स्टार प्रचारक रहेगा ,कौन नहीं ,इसका अधिकार तो पार्टी को होता है।चुनाव आयोग ने बिना कोई नोटिस दिए, बिना कोई सूचना दिए शुक्रवार के दिन यह निर्णय लिया है लेकिन  कमलनाथ जी ना डरने वाले हैं ना दबने वाले हैं।हमने इस फैसले के विरोध में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

-आगर की सभा में कांग्रेस प्रत्याशी विपिन वानखेड़े ,विधायक रामलाल मालवीय ,महेश परमार ,दिलीप गुर्जर ,बाबूलाल यादव ,भैरू सिंह ,गुड्डू लाला ,नारायण सिंह आमला आदि उपस्थित थे।
-हाटपिपलिया की सभा में पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ,पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ,राजेंद्र सिंह बघेल ,कांग्रेस प्रत्याशी राजवीर सिंह बघेल ,कुणाल चौधरी,मनोज राजानी ,कृपाशंकर शुक्ला ,अशोक पटेल ,श्याम होलानी, कैलाश कुंडल आदि उपस्थित थे।