देश भर में लोकसभा चुनावों का दौर चल रहा है। इंदौर में कांग्रेस प्रत्याशी द्वारा अपना नामकं वापस ले लिया गया जिसके कारण इंदौर में कांग्रेस का कोई भी उम्मीदवार मौजूद नहीं है। जिसकी वजह से कांग्रेस अब नोटा का प्रचार प्रसार कर रही है। इंदौर में कांग्रेस ने नोटों पर वोट देने की अपील पर CM ने कहा, NOTAकोई चुनाव चिन्ह नहीं है। सबसे पहले कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार खोया। वह फिर से अपना दिमाग खो रही है। उन्हें शर्म आनी चाहिए, क्या कोई करेंसी नोटों पर वोट देता है? नोटा कोई चुनाव चिन्ह नहीं है।
‘नोटा गुस्सा जाहिर करने का एक विकल्प’
नोटा अपना गुस्सा जाहिर करने का एक विकल्प है। इसका मतलब यह है कि अगर कांग्रेस हारती है, तो यह चुनाव के खिलाफ जाएगा। कांग्रेस को सोचना चाहिए कि वह क्या कह रहे हैं। कांग्रेस को अपने अंदर झांककर देखना चाहिए कि उसका संगठन कहां विफल हो रहा है। आने वाले चुनाव में फिर से मजबूती से लड़ें अगर वे नोटों की बात कर रहे हैं तो यह एक हारी हुई लड़ाई है।
CM ने कहा राज्यपाल से कानून-व्यवस्था को लेकर चर्चा हुई है, तीन चरण का चुनाव अच्छे से संपन्न हुआ है। इसके लिए मैं राज्य की जनता का आभारी हूं। कल आखिरी चरण का मतदान है, सभी को अपने मताधिकार का प्रयोग करना चाहिए। मेरा वोट उज्जैन में है। मैं कल उज्जैन में मतदान करने जा रहा हूं। इस वक्त चुनाव का त्योहार चल रहा है।