धीरेन्द्र शास्त्री के बाद अब पंडित प्रदीप मिश्रा का कथा से पूर्व ही शुरू हुआ विरोध, सामने आई ये बड़ी वजह

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बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra krishna Shastri) के विरूद्ध छिड़ा विवाद अभी शांत भी नहीं हुआ है, कि फिर से एक और चर्चित कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा विवादों में घिर गए हैं. मध्यप्रदेश के बुरहानपुर में 3 फरवरी से प्रारम्भ होने वाली पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा से पूर्व ही भीम आर्मी ने उन्हें संविधान का विपक्षी बताकर विरोध शुरू कर दिया है. भीम आर्मी ने उनकी कथा के प्रस्तुतिकरण को रोकने के लिए बाकायदा एसपी को ज्ञापन सौंपा है.

भीम आर्मी का यह आरोप

सूचना के मुताबिक बुरहानपुर में पंडित प्रदीप मिश्रा की श्री शिव महापुराण कथा 3 फरवरी से शुरू होने जा रही है. श्री शिव महापुराण कथा स्थान मां रेणुका कृषि उपज मंडी पर विस्तृत लेवल पर व्यवस्थाएं की जा रही है. कथा के लिए सोशल मीडिया पर रोड मैप जारी कर सुझाव भी मांगे जा रहे हैं. इस दौरान कथा से पूर्व ही प्रदीप मिश्रा की कथा का विरोध होना शुरू हो गया है.

भीम आर्मी के पदाधिकारियों ने प्रशासन को जो ज्ञापन सौंपा है. इसमें बताया गया कि पहले में हुई कथा के बीच पंडित प्रदीप मिश्रा ने संविधान का निरादर किया था, जो कि भारतीय एक्ट के अंतर्गत दोषी है. इस विषय में भीम आर्मी के वर्कर्स ने एसपी राहुल कुमार लोढा को ज्ञापन देकर पंडित प्रदीप मिश्रा पर एक्शन की मांग की है. इसके साथ ही भीम आर्मी ने पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा पोस्टपोन किए जाने की डिमांड भी की है.

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संविधान में परिवर्तन का किया था आह्वान

भीम आर्मी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दत्तु मेढे और जिलाध्यक्ष अधिवक्ता विजय मेढे ने इस विषय में बताया कि नर्मदापुरम में आयोजित प्रोग्राम में पंडित मिश्रा ने भारतीय संविधान को लेकर गैर संवैधानिक और विवादास्पद कमेंट की थी. असल में, 7 मई को आयोजित इस प्रोग्राम में कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने मौजूदा संविधान को हटाने की बात कही थी. इसी बात को लेकर भीम आर्मी ने पंडित मिश्रा पर एक्शन की मांग की है.