हम इंदौरवासी यातायात की समस्याओं से और आए दिन होने वाले ट्रैफिक जाम से त्रस्त हैं। इंदौर शहर में किसी भी क्षेत्र में ट्रैफिक जाम की समस्या आम हो गई है, कई स्थानों पर तो यह स्थिति है की दो पहिया वाहन तो दूर पैदल चलने वाले भी असहज महसूस करते हैं। ट्रैफिक जाम की समस्या के बहुत से कारण हैं और उनमें से बढ़ती जनसंख्या और साथ ही बढ़ती वाहन संख्या ट्रैफिक जाम की समस्या का एक कारण है। हम इंदोरियों का अल्हड़ मिजाज या कहूं अनुशासन की कमी भी ट्रैफिक जाम का एक कारण है हम अपने गंतव्य तक जल्दी पहुंचने में नियम तो तोड़ते ही है ,साथ ही साथ अपनी लाइन को छोड़कर सामने से आने वाले वाहनों की लाइन में घुसने में भी कोई कोताही नहीं बरतते हैं।
हमारा असंयमित व्यवहार ट्रैफिक जाम की समस्या को और बढ़ता है। तो हमे चाहिए प्रशासन को सहयोग कर ट्रैफिक नियमो का पालन कर,अनुशासित होकर आवगमन को सुगम बनाये। इंदौर उत्सवों का शहर है। हर धर्म , हरवर्ग , हर समाज शहर में अपने उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाते हैं और इस दौरान जुलूस जलसे का आयोजन करते है और ना चाहते हुए भी , शहर के व्यस्त मार्गो को ट्रैफिक जाम में झोक दिया जाता है। इस पर जनप्रतिनिधियों को संज्ञान लेकर सभी समाज के प्रतिनिधियों को बुलाकर सामाजिक जुलुस, रैली आदि का समय जल्दी सम्पन्न कराने की पहल करना चाहिए।
उल्लेखनीय है की माहेश्वरी समाज, इंदौर अपने उत्पत्ति दिवस महेश नवमी पर आयोजन सुबह प्रभात फेरी में करते है। हाल ही में हमारे नए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी द्वारा भोपाल बीआरटीएस को रिव्यू कर हटाने की बात कही गई है और इसी क्रम में इंदौर के जनप्रतिनिधियों को पहल कर इंदौर बीआरटीएस को भी रिव्यू करवाना चाहिए ताकि ऐ बी रोड पर यातायात सुगम हो सके।
इंदौर में दुकानदारो एवं रहवासियों द्वारा अतिक्रमण एवं फुटपाथ पर कब्जा आम बात हो गई है। इससे भी यातायात बहुत बाधित होता है। हाल ही में पुष्य मित्र भार्गव महापौर जी के निर्देश पर नगर निगम कई क्षेत्रों में कार्रवाई कर रहा है और इस कार्यवाही को पूरे इंदौर में जारी रख यातायात को सुधारा जा सकता है।
हाल ही में यातायात सुधार हेतु बड़ा गणपति से संजय सेतु और नंदलाल पूरा से राजमोहल्ला को वन वे किया जा रहा है। अगर ये बदलाव सफल रहा तो सघन क्षेत्र की यातायात समस्या में बहुत राहत होगी। अब बात कर लेते हैं इंदौर शहर से विभिन्न शहरों की कनेक्टिविटी की। शहर से अलग-अलग शहरों के लिए हवाई कनेक्टिविटी एवं रोड कनेक्टिविटी तो सुगम है लेकिन रेल कनेक्टिविटी के मामले में हम बहुत पीछे हैं जिस गति से शहर की जनसंख्या बढ़ रही है उसे गति से ट्रेन सुविधा इंदौर में नहीं है।
रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर में हम बहुत पीछे हैं साथ ही साथ यह भी कहा जा सकता है कि इंदौर डेड एंड है इंदौर मनमाड़ रेलवे ट्रैक इंदौर खंडवा रेलवे ट्रैक इंदौर दाहोद रेलवे ट्रैक पर कार्य कछुए की गति से पिछले कई वर्षों से चल रहा है हमारे जनप्रतिनिधियों को इस बात का संज्ञान लेना चाहिए और जल्द से जल्द प्रयास कर केंद्र सरकार से रेलवे बजट पारित कराकर एंट्रेंस पर कार्य करना चाहिए ताकि इंदौर रेलवे कनेक्टिविटी में भी पीछे ना रहे और शहर हर हर दृष्टि से सुगम शहर कहलाए।
लेखक: नीलेश सारडा