37 दिनों बाद महाकाल के गर्भगृह में गूंजा जय महाकाल

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उज्जैन : लगभग 37 दिनों बाद रविवार को महाकाल मंदिर (Mahakal Mandir) के गर्भगृह में जय महाकाल की गूंज सुनाई दी। मंदिर के गर्भगृह में आम श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध था, जिसे  समाप्त कर दिया गया है। गौरतलब है कि महाकाल मंदिर प्रशासन ने कोरोना की तीसरी लहर के कारण मंदिर के गर्भगृह में भक्तों के प्रवेश पर रोक लगा रखी थी लेकिन अब प्रवेश की रोक समाप्त कर दी गई है। इधर रविवार की सुबह से ही मंदिर में दर्शनार्थियों की भीड़ देखी गई तथा श्रद्धालु कतार में लगकर बाबा महाकाल के दर्शन करते रहे।

महाकाल मंदिर में मनेगी शिवनवरात्रि

महाकाल मंदिर में 1 मार्च को शिवरात्रि पर्व उत्साह व उमंग के साथ मनाया जाएगा लेकिन इस महोत्सव की शुरूआत 21 फरवरी से शिव नवरात्रि के रूप में होगी। उज्जैन में ही भगवान महाकाल का मंदिर ऐसा है जहां शिव नवरात्रि मनाई जाती है। जिस प्रकार शक्ति की आराधना का नौ दिनी पर्व नवरात्रि होता है, ठीक वैसा ही भगवान शिव की आराधना का पर्व होता है शिव नवरात्रि। शिव नवरात्रि मनाई जाने की अनूठी परंपरा उज्जैन मप्र स्थित भूतभावन भगवान महाकाल के आंगन में निभाई जाती है। महाशिवरात्रि से पहले के नौ दिनों में शिव नवरात्रि मनाई जाती है और अंतिम दिन महाशिवरात्रि पर्व धूमधाम से मनाया जाता है।

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महाकाल की महिमा निराली

महाकाल की महिमा निराली है। दक्षिण मुखी शिवलिंग होने के कारण इस मंदिर का महत्व तंत्र परंपरा में  भी। मान्यता है कि यहां श्मशान की ताजी चिता की भस्म से बाबा महाकाल की भस्म आरती होती थी लेकिन समय व काल  के अनुसार इस परंपरा में बदलाव आया और अब कंडों की भस्म से राजाधिराज की भस्मारती की जाती है।