रणजीत बाबा का अखंड भंडारा अन्यत्र करने की सलाह

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यातायात से भी मिलेगी निजात, हादसे भी नहीं होंगे, भक्त भी आसानी से ग्रहण करेंगे महाप्रसादी 

इंदौर 1 मई। शहर के लोगों की आस्था और श्रद्धा का केंद्र बना रणजीत सरकार का मंदिर अब विवादों में घिरने लगा है। शहर की जनता की इस मंदिर से जुड़ी आस्था व श्रद्धा का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां मंदिर परिसर से लेकर सड़कों तक पैर रखने की जगह नहीं मिलती है। भीड़ की वजह से राहगीरों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। मंगलवार और शनिवार को तो यहां का आलम यह रहता हैं कि भक्त और वाहन मालिक गूत्थमगुत्था होते रहते हैं। हजारों की भीड़ संभालने के लिए महज एक या दो ट्रेफिक जवान ही यहां व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश करते हैं।

हाल ही में मंगलवार को मंदिर परिसर में आयोजित भंडारे में महाप्रसादी पाने के लिए जो भक्तों की भीड़ उमड़ी उसे देखकर तो यही लगता है बाबा का यह शाही भंडारे का स्थान अब बदलने की आवश्यकता महसूस हो रही है। शहरवासियों का कहना है कि भंडारा अगर दशहरा मैदान पर आयोजित किया जाता है तो रणजीत मंदिर और यहां वाहन चालक को जाम लगने से निजात मिल सकती है।

होती है भक्त मंडल और दर्शनार्थियों में हुज्जत 

रणजीत सरकार भक्त मंडल में नए युवा जुड़कर यहां की व्यवस्था संभालते रहे हैं। लेकिन इन युवाओं के कारण आम लोगों को और भक्तों को परेशानियां भी झेलना पड़ रही हैं। मंदिर के मुख्य द्वार पर ये युवा भक्तों व दर्शनार्थियों से हुज्जत बाजी करते हैं जिससे दर्शनार्थी रणजीत सरकार के दर्शन किए बिना ही लौट जाता है।

यातायात भी सुगम होगा

हनुमान जयंती के बाद होने वाले इस शाही भंडारे को मंदिर परिसर की जगह दशहरे मैदान पर विशाल स्तर पर आयोजित किया जा सकता हैं। दशहरे मैदान पर जगह भी अच्छी है। पार्किंग की समस्या भी दूर होंगी। यातायात की परेशानी से भी मुक्ति मिलेगी और भक्त भी आसानी से रणजीत दरबार के दर्शन कर सकेंगे।

विशेष दो दिन रहती है ट्रैफ़िक की परेशानी

मंगलवार और शनिवार को सबसे ज्यादा भीड़ मंदिर में उमड़ती है। सुबह दर्शन करने आने वाले भक्तों की संख्या तो कम रहती है लेकिन शाम को स्थिति विकट हो जाती है। एक ओर भक्त दर्शन करने को आतुर रहते हैं तो वहीं दूसरी तरफ आफिस से घर जाने वालों को जल्दी रहती है।