डायबिटीज अब सिर्फ इन्सुलिन की बीमारी नहीं, मेटाबोलिज्म संबंधी बीमारी बन चुकी है, ज़रूरत है ऐसे फिजिशियन की जो ब्लड शुगर के साथ साथ किडनी, दिल और लिवर का भी इलाज करे – एक्सपर्ट

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– तीन दिवसीय डायबिटीजइंडिया 2023 का शुक्रवार को हुआ शुभारंभ

– देशभर से 2000 से अधिक डॉक्टर हुए महाकुम्भ में शामिल

– विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के राज्य मंत्री डॉ जितेन्द्र सिंह और प्रदेश स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग उदघाटन समारोह में हुए शामिल

 

इंदौर, 14 अप्रैल 2023: विश्व में मधुमेह की राजधानी बन चुके भारत में अब जो आधुनिक और विकसित उपचार हो रहा है उसका अनुसरण दुनिया के अन्य देश भी कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि आने वाले समय में भारत दुनिया की मधुमेह राजधानी नहीं, मधुमेह के उपचार की राजधानी बने। वहीं उपचार के दौरान डॉक्टर होने के नाते हमें ये भी ध्यान रखने की ज़रूरत है कि मधुमेह का उपचार सिर्फ इन्सुलिन और ब्लड शुगर लेवल पर सीमित ना रहे बल्कि इसे मेटाबोलिज्म के रोग के रूप में देखा जाए और दिल, लीवर और किडनी आदि पर इसके असर का भी उपचार समय पर हो। इसके लिए ऐसे फिजिशियन बनाने होंगे जो कार्डियो मेटाबोलिक फिजिशियन के रूप में प्रशिक्षित हों और मधुमेह का सम्पूर्ण उपचार करें।

 

यह बात शुक्रवार को वर्ल्ड कांग्रेस ऑफ डायबिटीजइंडिया 2023 के शुभारंभ के अवसर पर कांफ्रेंस के ऑर्गनाईजिंग चेयरमैन डॉ सुनील एम जैन ने अपने स्वागत उद्बोधन में कही। उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के राज्य मंत्री डॉ जीतेन्द्र सिंह और मध्यप्रदेश स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग शामिल हुए थे जिन्होंने अपने वक्तव्य में डायबिटीज से लड़ने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला।

 

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के राज्यमंत्री डॉ जीतेन्द्र सिंह ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन से लोगों में जागरूकता लाने, रोकथाम करने को लेकर सहायता होती है। इस प्रकार की कांफ्रेंस से यह भी पता चलता है की किस प्रकार का शोध भारत में हो रहा है और आगे चलकर किस तरह से इस बीमारी का इलाज किया जाए। भारत में मोदी सरकार के कार्यकाल में स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी गई है और कोविड काल में चिकित्सकों एवं वैज्ञानिकों ने जो भूमिका निभाई है, उसने पूरे विश्व को राह दिखाई है।

मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने प्रदेश में हिंदी में एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू करने की पहल के बारे में सभी उपस्थित सदस्यों को बताया और साथ ही इंदौर में डायबिटीज की कांफ्रेंस आयोजित करने को लेकर कहा कि यदि इंदौर के लोगों के खान पान की आदतों को देखते हुए उन्हें मधुमेह के प्रति जागरूक किया जा सकता है तो दुनिया के किसी भी हिस्से में यह काम किया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि डायबिटीजइंडिया 2023 में डायबिटीज की रोक थाम को लेकर जो सार निकले उसे जन कल्याण के लिए सरकार की मदद से अगर आप लोगों तक पहुंचाना चाहें, तो सुझाव हम तक पहुंचाए उसमे हम आपका पूरा सहयोग करेंगे।

 

कार्यक्रम के ऑर्गनाईजिंग सचिव डॉ भरत साबू ने सभी उपस्थित विशेष अतिथियों एवं अतिथियों का आभार व्यक्त कर उन्हें इस कांफ्रेंस में सहभागिता के लिए आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर डायबिटीजइंडिया के संस्थापक स्व.डॉ शौकत सादीकोट को समर्पित टेक्स्टबुक का विमोचन भी डॉ कमलाकर मिश्रा और मुख्य अतिथियों द्वारा किया गया।

 

3 दिन तक ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित होने वाली यह 13वीं कांफ्रेंस है जिसके लिए दुनिया के अलग अलग हिस्सों से वक्ताओं को आमंत्रित किया गया है। इसके साथ ही 300 शोधपत्र भी इस कांफ्रेंस के माध्यम से प्रदर्शित किए जाएंगे। वहीं डायबिटीज इंडिया के अंतर्गत डायबिटीज से जुड़े विभिन्न विशेष मुद्दों के लिए बने 15 स्पेशल इंटरेस्ट ग्रुप की भी बैठकें इस दौरान आयोजित की जाएंगी।