पैसों की लेन-देन के चलते एडीजे की हत्या, परिवार मिटाने की रची थी साजिश

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बैतूल। बीते दिनों बैतूल के न्यायालय के एडीजे महेंद्र त्रिपाठी और उनके बेटे की मौत हुई थी। जिसकी वजह फूड पाॅइजनिंग को बताया गया था। लेकिन अब पुलिस जांच में एक बड़ा खुलासा हुआ है। जिसके मुताबिक दोनों की मौत की हत्या की गई थी। इस मामले में एक महिला और उसके पांच सहयोगियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

दरअसल 25 जुलाई को जिले के एडीजे और उनके बेटे की मौत के बाद यही माना जा रहा था कि यह मौत फूड पाॅइजनिंग के कारण हुई है। लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि एडीजे महेंद्र त्रिपाठी और उनके बड़े बेटे की मौत जहर दिये जाने की वजह से हुई थी। अब तक की जांच में यह सामने आया है जिसने भी आटे में जहर मिलाकर दिया, उसकी साजिश पूरे परिवार को खत्म करने की थी। किस्मत से एडीजे की पत्नी ने उस दिन रोटी नहीं खाई और छोटे बेटे को दो रोटी खाने के बाद उल्टी हो गई थी। इसलिए वे दोनों बच गए।

इस मामले में पुलिस रीवा निवासी एक महिला को पूछताछ के लिए बैतूल लाई है। पुलिस ने 5 संदिग्धों को भी हिरासत में लिया है। इस महिला ने ही जज को आटा जैसा कुछ दिया था और कहा था कि इसे घर के आटे में मिला देना। शुरुआती जांच में सामने आया कि 20 जुलाई की दोपहर में एडीजे त्रिपाठी की संध्या नाम की महिला से मुलाकात हुई। उसी दौरान महिला ने अनिष्ट निवारण के लिए विशेष आटा दिया था। 21 जुलाई को त्रिपाठी के घर में पत्नी को छोड़कर परिवार के बाकी तीन सदस्यों ने इसी आटे से बनी रोटी खाई थी। छोटे बेटे को तत्काल उल्टी हो जाने से उस पर असर नहीं हुआ। बताया जा रहा है कि एडीजे और महिला के बीच पैसों का लेन देन था।