3 दिनों में अदाणी के शेयर निवेशकों की संपत्ति 1.8 लाख करोड़ रुपए पहुंची

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अदाणी समूह को हिंडनबर्ग के आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति की रिपोर्ट के लिए क्लीन चिट मानने वाले निवेशकों के साथ, अदाणी के सभी 10 शेयर्स के संयुक्त बाजार मूल्य में महज़ तीन कारोबारी सत्रों में लगभग 1.8 लाख करोड़ रुपए की बढ़त दर्ज की गई है।गुरुवार के क्लोजिंग प्राइज़ को देखा जाए, तो अदाणी एंटरप्राइजेज़ के शेयर्स लगभग 38% ऊपर चल रहे हैं, जिससे लगभग 76,000 करोड़ रुपए का लाभ हुआ है।

 

मार्केट कैपिटलाइज़ेशन में, अदाणी पोर्ट्स के शेयर्स में 25,000 करोड़ रुपए से अधिक की बढ़त दर्ज की गई है, जो हिंडनबर्ग मामले से पहले के स्तर पर वापस आ गए हैं। अदाणी के अन्य टॉप गेनर्स में अदाणी विल्मर, अंबुजा सीमेंट्स, अदाणी ग्रीन एनर्जी और अदाणी टोटल गैस शामिल हैं।

अदाणी पॉवर के शेयर्स, जो अपने 52-सप्ताह के निचले स्तर से लगभग 96% चढ़ चुके हैं, मंगलवार को 5% ऊपरी सर्किट में बंद हुए और हिंडनबर्ग मामले से पहले के स्तर के करीब पहुँच गए।हिंडनबर्ग क्राइसिस से सबसे ज्यादा प्रभावित अदाणी टोटल गैस हुआ है, क्योंकि इसके शेयर्स निम्न स्तर से सिर्फ लगभग 20% ही ऊपर उठ सके हैं। हिंडनबर्ग स्तर से ऊपर उठने के लिए स्टॉक को 414% की बढ़त की जरूरत है।

 

अडाणी के शेयर्स में आई तेजी के बारे में बताते हुए मार्केट प्रमुख देवेन चोकसे ने कहा कि बाजार की प्रवृत्ति है कि जब भी कोई नकारात्मक नहीं होता है, तो उसका परिणाम सकारात्मक होता है।चोकसे ने कहा, “ज्यादातर कम्पनियाँ मौलिक रूप से बेहतर कार्य करती हैं, इसलिए हम अपेक्षाकृत अधिक आश्वस्त रहते हैं। हालाँकि, मूल्यांकनों में बदलाव और सुधार हुए हैं, लेकिन इसके पहले के स्तर से थोड़े सामान्य स्तर पर आने की कुछ सम्भावनाएँ भी होना चाहिए।”

पूर्व जज जस्टिस एएम सप्रे की अध्यक्षता वाली एससी कमेटी ने अपनी 173 पन्नों की रिपोर्ट में कहा कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के आँकड़ों के आधार पर, उसने अरबपति गौतम अदाणी की कंपनियों के शेयर्स की कीमतों में तेज वृद्धि में “हेरफेर का कोई स्पष्ट पैटर्न” नहीं पाई, जिसका श्रेय “किसी एक इकाई या जुड़ी हुई संस्थाओं के समूह” को दिया जा सकता है।

 

पैनल ने रिपोर्ट में यह भी कहा कि यह निष्कर्ष निकालना संभव नहीं था कि कीमतों में हेराफेरी के संबंध में विनियामक विफलताएँ थीं भी या नहीं।समिति को अदाणी समूह में निवेश करने वाली अपतटीय संस्थाओं में सेबी द्वारा की जा रही जाँच के समानांतर काम करना था।शीर्ष अदालत ने विगत हफ्ते हिंडनबर्ग मामले में सेबी की जाँच पूरी करने की समयसीमा को 14 अगस्त तक बढ़ा दिया था।

Source: PR