पुणे में एक नाबालिग ने तेज रफ्तार और लापरवाही से कार चलाकर एक दोपहिया वाहन को टक्कर मार दी, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई। हादसे में घायल महिला की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उसके साथी ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इस घटना के बाद वहां मौजूद नागरिकों ने आरोपी ड्राइवर को पकड़कर उसकी पिटाई कर दी और पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने येरवडा पुलिस स्टेशन में कार चालक के खिलाफ मामला दर्ज किया। पुणे में हुए इस हादसे से सनसनी फैल गई। इस घटना के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया लेकिन कुछ ही घंटों में उसे जमानत मिल गई।
“यदि यह एक दुर्घटना है तो दो लोगों की मृत्यु का कारण बनने वाले अभियुक्त के लिए क्या सज़ा है?” विषय पर एक निबंध लिखें। इससे नागरिकों में आक्रोश का माहौल है। मिली जानकारी के मुताबिक यह नाबालिग आरोपी पुणे के एक मशहूर बिल्डर का बेटा है और इस हादसे में मरने वाले दोनों लोग राजस्थान के रहने वाले हैं। इस मामले में नाबालिग आरोपी एडवोकेट. प्रशांत पाटिल की ओर से जमानत के लिए अर्जी दी गई थी। कोर्ट ने उन्हें कुछ शर्तों पर जमानत दे दी।
सज़ा क्या है?
दो लोगों की मौत का कारण बने इस लड़के को कोर्ट ने जो सजा दी उसकी हर तरफ चर्चा हो रही हैं…इन शर्तों पर उन्हें जमानत दी गई है।
1) आरोपी को 15 दिनों तक ट्रैफिक नियंत्रण के लिए येरवडा डिवीजन में पुलिस की सहायता करनी होगी। साथ ही यातायात जागरूकता बोर्ड का रंग-रोगन भी कराना होगा।
2) आरोपी को मनोचिकित्सक के पास जाकर इलाज कराना होगा।
3) यदि आरोपी को भविष्य में किसी दुर्घटना की आशंका हो तो उसे सबसे पहले दुर्घटना के पीड़ितों के बारे में सोचना होगा।
4) आरोपी को सड़क दुर्घटनाएं और उनके समाधान विषय पर कम से कम 300 शब्दों का निबंध लिखना होगा।
‘हादसे के बारे में’
सूत्रों के मुताबिक, हादसे में मरने वाले दोनों लोग राजस्थान के रहने वाले थे और पास के पब में पार्टी से लौट रहे थे। एक प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक, रविवार आधी रात के करीब मैं रिक्शा लेकर वहां खड़ा था। एक लड़का और एक लड़की बाइक पर सवार थे और सड़क पार कर रहे थे तभी अचानक पीछे से आ रही तेज रफ्तार पोर्शे कार ने उनकी बाइक में टक्कर मार दी और दोनों के परखच्चे उड़ गए।
हादसे के वक्त पोर्शे कार में तीन बच्चे थे। उनमें से एक भाग गया। स्थानीय लोगों ने अन्य दो को हिरासत में लिया और उनकी पिटाई की और बाद में पुलिस ने आकर उन सभी को गिरफ्तार कर लिया। तीनों ने शराब पी रखी थी और हादसे के वक्त कार की स्पीड 200-240 के आसपास रही होगी।
‘टेस्ट रिपोर्ट से पहले जमानत’
नाबालिग आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 (लापरवाही) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस को शक है कि आरोपी शराब के नशे में गाड़ी चला रहा था। इसके लिए उनके खून की जांच की गई। हालांकि, इस मुकदमे की रिपोर्ट आने से पहले ही कोर्ट ने आरोपी को जमानत दे दी।