‘शहरी बेघरों’ को मिलेगा रहने के लिए आशियाना और हर संभव मदद

Shivani Rathore
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प्रदेश के विभिन्न जिलों में नगरीय प्रशासन एवं विकास के अधीन दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी अजीविका मिशन के घटक ‘शहरी बेघरों के लिए आश्रय अतर्गत 61 नगरीय निकायों में कुल 125 आश्रय स्थलों का संचालन किया जा रहा है। (सूची संलग्न) आश्रय स्थलों में ठहरने वाले हितग्राहियों के स्वास्थ्य परीक्षण किये जाने व बेघर व्यक्तियों को राहत प्रदान करने हेतु स्वास्थ्य विभाग एवं नगरीय निकायों का मैदानी अमला निम्नलिखित व्यवस्था

कराना सुनिश्चित करें-

1. प्रदेश के कुल 125 आश्रय स्थलों की मैपिंग उनके समीप संचालित संजीवनी

क्लीनिक / शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र / सिविल डिस्पेंसरी / शासकीय चिकित्सालय से की गई है। आश्रय स्थलों से मैप किए गए स्वास्थ्य संस्थाओं की जानकारी पत्र के साथ संलग्न प्रेषित की जा रही है।

2. आश्रय स्थल प्रभारी समस्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं मैप की गई संस्था के प्रभारी अधिकारी से समन्वय कर आश्रय स्थलों में ठहरने वाले हितग्राहियों के स्वास्थ्य परीक्षण किए जाने की कार्ययोजना तैयार करें।

3. स्वास्थ्य परीक्षण का उत्तरदायित्व मैप किए जाने वाले स्वास्थ्य संस्था के प्रभारी अधिकारी का होगा।

4. समस्त आश्रय स्थलों पर आकस्मिक एवं आपातकालीन समय में सपर्क करने हेतु मैप्ड संजीवनी क्लीनिक / शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र / सिविल डिस्पेंसरी / शासकीय चिकित्सालय के अधिकारी/कर्मचारी का नाम व मोबाईल नम्बर प्रदर्शित किया जाए।

5. नगरीय निकाय व स्वास्थ्य विभाग स्वास्थ्य शिविरों के आयोजन का रोस्टर तैयार करेंगे।

6. लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा मैप की गई स्वास्थ्य संस्था के माध्यम से

आश्रय स्थलों का प्रत्येक 15 दिवस में निरीक्षण हेतु एक दल का गठन किया जाएगा।

7. शहर के चिहिन्त स्थानों पर आश्रय स्थल की जानकारी प्रदर्शित (होर्डिंग्स) की जाए जिससे शहर में बेघरों को आश्रय स्थल की जानकारी प्राप्त हो सके तथा इसका समुचित

प्रचार-प्रसार करें। 8. निकाय शीतऋतु में मोबाईल वैन के माध्यम से रात्रि के समय फेरे लगाकर बेघरों को

आश्रय स्थल तक सुविधाजनक तरीके से पहुंचाना सुनिश्चित करें। 9. स्थानीय पुलिस अधिकारियों के साथ समन्वय कर पुलिस की गश्त व डायल 100 को भी

अवगत कराया जावे की गश्त के समय यदि कोई खुले आसमान के नीचे या फुटपाथ पर सोता हुआ पाया जावे तो तत्काल उसे समीप के आश्रय स्थल में पहुंचाये। आकास्मिक चिकित्सा सेवा हेतु 108 डायल कर एम्बूलेंस से रोगी का परिवहन किया जा सकता है।

10. समस्त थानों में निकाय अंतर्गत संचालित आश्रय स्थलों की सूची, प्रभारी अधिकारी / कर्मचारी का नाम व मोबाईल नम्बर प्रदर्शित किया जाए।

11. समस्त आश्रय स्थलो में निकट के थाना प्रभारी अधिकारी/कर्मचारी का नाम व मोबाईल नम्बर प्रदर्शित किया जाए।

12. समस्त संजीवनी क्लीनिक / शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र / सिविल डिस्पेंसरी / शासकीय चिकित्सालय में नजदीकी आश्रय स्थल का पता, प्रभारी अधिकारी / कर्मचारी का नाम व मोबाईल नम्बर प्रदर्शित किया जाए।

13. आश्रय स्थलो व सार्वजनिक स्थलों में ठंड से बचाव के लिये “अलाव” की व्यवस्था की

जाए।

14. आश्रय स्थल में नहाने हेतु गर्म पानी, ओढने हेतु रजाई एवं कर्बल उपलब्ध कराया जाए। 15. आश्रय स्थलों में सैनिटाइजर, हैण्डवॉश, पीने के पानी जैसी उचित सुविधाएं हो सुनिश्चित करें।

16. ऐसे नगरीय निकाय जहां स्थाई आश्रय स्थल नही है अथवा शहरी बेघरों के सर्वेक्षण मे निराश्रित लोग पाए गए है, वहाँ अस्थाई तौर पर किराए के भवन में व खाली पड़ी नगर निगम/नगर पालिका अधिकृत किसी भवन में आश्रय स्थल प्रारंभ कर समस्त शहरी बेघरों को आश्रय एवं अन्य राहत प्रदान किया जाना सुनिश्चित करें।

रैन बसेरा स्वास्थ्य जांच अभियान (2)