जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने निर्देश दिये है कि सुगम यातायात, जनता की सुविधा, विशेषज्ञों, जनप्रतिनिधियों तथा आमजन की भावना के अनुरूप रिंग रोड पर बंगाली चौराहा ओवर ब्रिज की वर्तमान डिजाइन में तकनीकी सुधार के लिये एक-दो दिन में प्रस्ताव तैयार कर स्वीकृति के लिये राज्य शासन को भेजा जाये। उन्होंने निर्देश दिये कि बंगाली चौराहा ओवर ब्रिज के स्पान को चौड़ा करने के संबंध में प्रस्ताव में उल्लेख किया जाये। उन्होंने बताया कि उक्त प्रस्ताव की स्वीकृति के संबंध में 18 जून को इंदौर में राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारियों से तथा 22 या 23 जून को लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव से चर्चा कर सकारात्मक समाधान निकाला जायेगा।
सिलावट आज यहां रेसीडेंसी में बंगाली चौराहा के ओवर ब्रिज की डिजाइन में आ रही दिक्कतों के समाधान के लिये चर्चा हेतु आयोजित बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर सांसद शंकर लालवानी, विधायक महेन्द्र हार्डिया, इंदौर विकास प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष मधु वर्मा, अपर कलेक्टर पवन जैन, इंदौर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विवेक श्रोत्रिय, नगर निगम अपर आयुक्त संदीप सोनी, लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता बी.के. चौहान, अधीक्षण यंत्री लोक निर्माण विभाग ए.के. जोशी सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में बंगाली चौराहा ओवर ब्रिज के स्पान को चौड़ा करने की संभावनाओं पर चर्चा की गई। सभी अधिकारियों से सुझाव लिये गये। मंत्री सिलावट ने कहा कि सुगम यातायात, जनता की सुविधा, विशेषज्ञों, जनप्रतिनिधियों तथा आमजन की भावना के अनुरूप रिंग रोड पर बंगाली चौराहा ओवर ब्रिज की वर्तमान डिजाइन में सुधार अत्यंत आवश्यक है। इस दिशा में सभी आवश्यक कदम अतिशीघ्र उठाये जाये। सकारात्मक समाधान किया जाये।
उन्होंने कहा कि इसके लिये किसी भी तरह कि राशि में कमी नहीं आने दी जायेगी। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर भविष्य की जरूरतों और दूरगामी सोच के साथ अगले प्रस्ताव तैयार करें। प्रस्ताव तैयार करते समय जनप्रतिनिधियों, विशेषज्ञों तथा आमजन से सुझाव लेवें।
बैठक में सांसद शंकर लालवानी तथा विधायक महेन्द्र हार्डिया ने सुझाव देते हुये कहा कि ओवर ब्रिज का स्पान चौड़ा करना सुगम यातायात और आमजन की सुविधा के लिये बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि बंगाली चौराहा ओवर ब्रिज के स्पान को चौड़ा करने के लिये पीपल्याहाना ब्रिज की डिजाइन को भी आधार बनाया जाये। भविष्य में कोई भी तकनीकी त्रुटी नहीं हो इसका विशेष ध्यान रखा जाये। बैठक में अन्य अधिकारियों ने भी उक्त सुझाव पर अपनी सहमति व्यक्त की।
बैठक में एलआईजी चौराहा से लेकर नवलखा तक बनने वाले एलिवेटेड ओवर ब्रिज के संबंध में भी चर्चा हुई और कहा गया कि इसको अमली जामा देने के पूर्व जनप्रतिनिधियों, विशेषज्ञों और आमजन से व्यापक विचार विमर्श किया जाये।