अपनी बदनामी में भी मासूमों को बदनामी से बचाने का तरीका पी. नरहरि ने खोज लिया

Shivani Rathore
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इंदौर : अपने खिलाफ यौन उत्पीड़न जैसी शिकायत पर कोई भी रसूखदार हताश हो सकता था, लेकिन आयएएस अधिकारी-इंदौर के पूर्व कलेक्टर पी. नरहरि अपने खिलाफ इस तरह की चैट वॉयरल होने पर हताश नहीं हुए, बल्कि खुद ही सायबर पुलिस और क्राइम ब्रांच को जांच के लिए भी लिख दिया। इस बदनामी वाले फर्जी मामले में भी उन्होंने जो अच्छा खोजा, वह यह कि जिस तरह उन्हें फंसाने के लिए सेडमेप के ठेके लेने वाले इंदौर के कारोबारी रमनजीत सिंह अरोरा ने फर्जी चेट तैयार कराने के लिए जो तरीका अपनाया, उसका पूरा वीडियो तैयार करा लिया है। हिन्दुस्तान मेल से चर्चा में पी. नरहरि ने कहा- मैंने इस पूरे मामले को केस स्टडी के रूप में लिया है। जो वीडियो तैयार किया है, वो मासूम लड़कियों को इस तरह की बदनामी से सतर्क करने में और उन्हें आत्महत्या से बचाने में मदद करेगा।

उनका कहना था- मैं नेट, साइबर क्राइम को समझता हूं, जिस ओहदे पर हूं तो इस मामले में राज्य पुलिस ने भी सहयोग किया, लेकिन बेवजह बदनाम करने, दबाव बनाने की घटना किसी सामान्य व्यक्ति या किसी लड़की के साथ हो जाए तो जरूरी नहीं कि उसे सब जगह से मदद मिल ही जाए। उन सबको भी ऐसे फर्जी मामलों से बचने में यह वीडियो मदद करेगा। संबंधित व्यापारी अरोरा ने किस तरह एप के जरिये मेरे और संबंधित महिला के बीच वीडियो चैट तैयार की, वह सारी केस स्टडी इस वीडियो में शामिल है। गौरतलब है कि क्राइम पुलिस की जांच में वरिष्ठ आईएएस अफसर पी. नरहरि को बदनाम करने की साजिश नाकाम हो गई है। उन्हें बदनाम करने की साजिश रचने वाले जिस आरोपी जावेद मोहम्मद को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है, वह इसी साजिशकर्ता रमनसिंह अरोरा का नौकर है।

पी. नरहरि की जीत उन ईमानदार आयएएस-आयपीएस अफसरों की जीत है, जिन्हें इस प्रकार की साजिशों में फंसाया जाता है। फर्जी चैट स्क्रीनशॉट वायरल किए जाने के मामले में सेडमैप की कार्यकारी निदेशक अनुराधा सिंघई ने क्राइम ब्रांच में शिकायत की कि उनके और उनके वरिष्ठ पी. नरहरि के मनगढ़ंत और काल्पनिक आपत्तिजनक चैट का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है। अज्ञात व्यक्ति दुर्भावना और रंजिश की वजह से सोशल मीडिया पर इसे वायरल कर रहे हैं, जिससे मानहानि और मानसिक वेदना हो रही है। ऐसे असामाजिक तत्वों का पता लगाकर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।

बंद की थी अरोरा की धांधली
सेडमैप का कांट्रेक्टर रमनवीर सिंह अरोरा सेडमैप में आउटसोर्सिंग का काम करने के साथ ही विभागीय अधिकारियों पर अनावश्यक दबाव बनाता था। शिकायतों की जांच की तो यह भी पता चला कि आउटसोर्स वाले कर्मचारियों को पूरा वेतन भी नहीं देने के साथ कई फर्जीवाड़े सामने आने के बाद आयएएस अफसर पी. नरहरि ने कार्रवाई की थी। इसका बदला लेने के लिए रमनवीर ने फर्जी व्हाट्सएप चैट वायरल की थी।

*कीर्ति राणा*