CM शिवराज की सामने आई एक नई भूमिका, जनजाति समुदाय को पढ़ाया शिक्षा का पाठ

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इंदौर(Indore) : पिछले लगभग डेढ़ माह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक नयी भूमिका में सामने आये हैं। यह भूमिका है एक शिक्षक की, विषय के जानकार की। अपनी इस नयी और अनूठी भूमिका में मुख्यमंत्री चौहान पेसा एक्ट के बारे में विस्तार से एक शिक्षक की तरह जनजातीय भाई-बहनों को जानकारी दे रहे हैं। मुख्यमंत्री की ऐसी सभी पाठशालाओं में उपस्थित लोगों से वे कह भी रहे हैं कि मैं भाषण देने नहीं आपको पेसा एक्ट पढ़ाने आया हूँ। मुख्यमंत्री चौहान ऐसा पहली बार नहीं कर रहे हैं। इसके पहले भी वे ‘आओ बनाये मध्यप्रदेश’ यात्रा के दौरान स्कूली बच्चों को पढ़ाने भोपाल के मॉडल स्कूल में विद्यार्थियों से एक कुशल मोटिवेशनल स्पीकर की तरह संवाद कर चुके हैं।

इतना ही नहीं वे अनेक दफा स्कूली विद्यार्थियों के समक्ष दक्ष योग गुरू की भूमिका भी निभा चुके हैं। दरअसल मुख्यमंत्री  चौहान ने प्रदेश में जनजातीय समाज को मुख्य-धारा में जोड़ने और उन्हें अधिकार सम्पन्न बनाने के लिये जो प्रयास प्रांरभ किये, उसमें सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है पेसा एक्ट। यह एक्ट, जनजातीय समुदाय को जल, जंगल और जमीन का अधिकार दिलाता है। गत 15 नवंबर का दिन मध्यप्रदेश के लिये ऐतिहासिक बना, जब राष्ट्रपति  द्रौपदी मुर्मु की गरिमामय उपस्थिति में मुख्यमंत्री ने प्रदेश के 89 जनजातीय बहुल विकासखण्ड में इसे लागू करवाया।

इसी दिन के बाद मुख्यमंत्री चौहान ने एक्ट के प्रावधानों की जनजातीय भाई-बहनों को विस्तार से जानकारी देकर उन्हें सामाजिक और आर्थिक रूप से सबल बनाने की मुहिम शुरू कर दी। मुख्यमंत्री चौहान तब से अब तक जनजातीय विकासखंडों में पेसा एक्ट जागरूकता कार्यक्रम कर एक शिक्षक की भूमिका निभा रहे हैं। पेसा एक्ट के प्रावधानों का स्वयं बारीकी से अध्ययन कर उसे शिक्षक की भांति जनजातीय समुदाय को समझाने का उनका तरीका भी बड़ा अनोखा है।

ऐसे में मुख्यमंत्री की यह पाठशाला सभी को बहुत भा रही है। मुख्यमंत्री का ग्रामीणों को समझाने का अंदाज एकदम जुदा है, जिससे जनजातीय भाई-बहन न केवल एक्ट को अच्छे से समझ पा रहे हैं बल्कि प्रभावित भी हो रहे हैं। मुख्यमंत्री द्वारा जनजातीय बहुल विकासखंडों में लगातार पेसा एक्ट जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। वे स्वयं इस अभियान का नेतृत्व कर विभागीय अधिकारियों के लिये उत्प्रेरक की भूमिका भी निभा रहे हैं। जनजातीय भाई-बहनों को पेसा एक्ट को लागू करने के बाद उन्हें मिले अधिकारों के प्रति सजग करने मुख्यमंत्री के चौतरफा प्रयास जारी हैं।

राज्य स्तर से ट्रेनिंग प्रोग्राम निर्धारित कर लक्षित विकासखंडों में मास्टर ट्रेनर्स से प्रशिक्षण भी शुरू किया जा चुका है। इस महती कार्य में सामाजिक संस्थाओं का सहयोग भी लिया जा रहा है। मुख्यमंत्री पेसा एक्ट के साथ-साथ जनजातीय वर्ग के लिये संचालित केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं के प्रति भी जागरूकता ला रहे हैं।
मुख्यमंत्री चौहान का जनजातीय समाज को एक्ट की अच्छाइयों को उदाहरण के साथ समझाना और उसके फायदे बताने का सिलसिला लगातार जारी है, जनजातीय समाज उसको समझ कर अमल में भी ला रहे हैं।

अनेक जनजातीय ग्राम में पेसा एक्ट को लेकर ग्राम सभाएँ भी होना शुरू हो गई हैं। इनमें मुख्यमंत्री चौहान ने भी भागीदारी कर जनजातीय भाइयों का उत्साहवर्धन किया। मुख्यमंत्री ने हाल ही में नव-निर्वाचित सरपंचों को सम्मेलन में आमंत्रित कर पेसा एक्ट को प्रभावी रूप से लागू कराने में सहयोग की अपील भी की है।