MP News : देश में बढ़ते साइबर अपराधों पर लगाम कसने के लिए केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत तैयार की गई साइबर कमांडो फोर्स अब एक्शन मोड में आ चुकी है। इस योजना के पहले चरण में देशभर से चुने गए 350 अधिकारियों को हाई-टेक ट्रेनिंग देकर साइबर कमांडो के रूप में तैयार किया गया है।
इनमें मध्यप्रदेश से 6 अफसर शामिल थे, जिनमें से 5 ने ट्रेनिंग पूरी कर ली है और राज्य को सौंप दिए गए हैं, जबकि एक अधिकारी की ट्रेनिंग अभी भी जारी है।

देश के प्रतिष्ठित संस्थानों से ली तकनीकी दक्षता
साइबर कमांडो को देश के प्रमुख तकनीकी संस्थानों जैसे आईआईटी कानपुर, हैदराबाद, दिल्ली, मद्रास, गांधीनगर और पुणे में एडवांस साइबर सिक्योरिटी, नेटवर्क फॉरेंसिक, डिजिटल ट्रैकिंग और एथिकल हैकिंग जैसी अत्याधुनिक तकनीकों की ट्रेनिंग दी गई। इसके बाद उन्हें साइबर मुख्यालय में तैनात किया गया है, जहां वे प्रदेश की डिजिटल सुरक्षा के लिए काम करेंगे।
ऑनलाइन अपराधियों पर कसेगा शिकंजा
साइबर एडीजी ए. साई मनोहर ने जानकारी दी कि ये साइबर कमांडो अब प्रदेश में ऑनलाइन धोखाधड़ी, हैकिंग, डेटा चोरी जैसे अपराधों पर शिकंजा कसेंगे। इसके अलावा, सरकारी वेबसाइट्स को संभावित साइबर हमलों से सुरक्षित रखने और डिजिटल आपात स्थिति से निपटने की रणनीतियों में भी अहम भूमिका निभाएंगे।
5000 साइबर कमांडो का लक्ष्य, मध्यप्रदेश का दूसरा बैच भी तैयार
- सरकार की योजना के मुताबिक, पूरे देश में कुल 5000 साइबर कमांडो तैयार किए जाएंगे।
- पहले चरण में 6 महीने की गहन ट्रेनिंग के बाद 350 कमांडो फोर्स में शामिल किए गए।
- अब मध्यप्रदेश के 39 सब-इंस्पेक्टरों का दूसरा बैच भी तैयार हो गया है, जो जल्द ही प्रशिक्षण के लिए नामित संस्थानों में भेजे जाएंगे।
राष्ट्रीय रक्षा संस्थानों में हुआ ट्रेनिंग का संचालन
साइबर कमांडो को केवल तकनीकी ही नहीं, बल्कि रणनीतिक स्तर पर भी प्रशिक्षित किया गया है। इसके लिए सरदार वल्लभ भाई पटेल पुलिस अकादमी और राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय जैसे संस्थानों में ट्रेनिंग कैंप्स लगाए गए, ताकि ये अधिकारी किसी भी साइबर आपदा से प्रभावी ढंग से निपट सकें।