भारतीय मूल के माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला को हाल ही में माइक्रोसॉफ्ट का चैयरमेन बनाया गया है। अब नडेला जॉन थॉम्पसन का स्थान लेंगे। सीईओ सत्या नडेला लगातार सफलता के सोपान पर चढ़ते जा रहे हैं। बता दे, सत्या नडेला साल 2014 में माइक्रोसॉफ्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) बने थे। इसके बाद अब LinkedIn, Nuance कम्युनिकेशंस और ZeniMax जैसी कई कंपनियों के अरबों डॉलर के अधिग्रहण में सत्या नडेला की अहम भूमिका रही है।
जानकारी के मुताबिक, कंपनी ने हाल ही में एक बयान जारी किया है जिसमें कहा गया है कि थॉम्पसन अब प्रमुख इंडीपेन्डेंट डायरेक्टर रहेंगे। थॉम्पसन ने साल 2014 में बिल गेट्स के बाद माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन बने थे। दरअसल, माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स अब कंपनी के बोर्ड में नहीं हैं। वहीं इन दिनों वह बिल एवं मेलिंडा गेट्स के परोपकारी कार्यों पर ध्यान दे रहे हैं। इसके अलावा कंपनी ने हाल में ही प्रति शेयर 56 सेंट का तिमाही लाभांश देने का निर्णय लिया है
। गौरतलब है कि कोरोना महामारी के चलते Microsoft के CEO Satya Nadella भी काफी दुखी थे। उन्होंने इस स्थिति में मदद का भी भरोसा दिया और मदद की। वहीं बात करें सत्या नडेला की तो उनका जन्म भारत के हैदराबाद में साल 1967 में हुआ था। उनके पिता एक प्रशासनिक अधिकारी और मां संस्कृत की लेक्चरर थीं। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा हैदराबाद पब्लिक स्कूल से करने के बाद साल 1988 में मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी। बाद में वह कंप्यूटर साइंस में एमएस करने के लिए अमेरिका चले गए। उन्होंने 1996 में शिकागो के बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस से एमबीए किया है।