IMD Alert : देश में मौसम का मिजाज एक बार फिर बदलने वाला है। IMD (भारत मौसम विज्ञान विभाग) के अनुसार, आज से एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है, जो उत्तर-पश्चिम भारत में ठंडी हवाओं और घने कोहरे के साथ बारिश का कारण बनेगा। यह विक्षोभ 22 जनवरी तक प्रभावी रहेगा, जिससे तापमान में अचानक गिरावट होगी और ठिठुरन बढ़ेगी।
उत्तर-पश्चिम भारत में बर्फबारी और भारी बारिश
18 जनवरी से शुरू होने वाले इस पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में बर्फबारी और बारिश की संभावना है। IMD के अनुसार, 18 से 22 जनवरी तक जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड में बर्फबारी हो सकती है, जबकि उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और राजस्थान में 21 और 22 जनवरी को बारिश की संभावना जताई जा रही है।
दक्षिण भारत में भारी बारिश का अलर्ट
साथ ही, दक्षिण-पूर्व अरब सागर पर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन के प्रभाव से तमिलनाडु, पुडुचेरी में 18 से 20 जनवरी तक और केरल में 19-20 जनवरी को भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। इस दौरान तेज़ गरज के साथ ओलावृष्टि की भी संभावना है, जिससे इन क्षेत्रों में मौसम और ज्यादा ठंडा हो सकता है।
तापमान में गिरावट और बढ़ी ठंड की चेतावनी
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में न्यूनतम तापमान माइनस में रहेगा, वहीं उत्तर-पश्चिम भारत के अन्य हिस्सों में तापमान 2-3 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है। इसके विपरीत, गुजरात में अगले 2 दिनों में न्यूनतम तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ोतरी होने का अनुमान है। मध्य-पूर्वी भारत और महाराष्ट्र में अगले 4 दिनों तक पारा में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा।
घने कोहरे की संभावना
IMD ने अगले कुछ दिनों में उत्तर-पश्चिम भारत के कई हिस्सों में घने से बहुत घने कोहरे की चेतावनी जारी की है। 20 जनवरी तक उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में घने कोहरे के कारण दृश्यता बेहद कम हो सकती है। वहीं, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और ओडिशा में भी कोहरे का अलर्ट जारी किया गया है।
दिल्ली-एनसीआर में ठंड का सितम जारी
दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में फिलहाल ठंड से राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। मौसम विभाग ने 21-22 जनवरी के दौरान बारिश की संभावना जताई है, जिससे तापमान और गिर सकता है। इस समय दिल्ली में घना कोहरा और कड़ाके की ठंड का सामना लोग कर रहे हैं, जिससे सड़कों पर दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ सकता है।