मध्य प्रदेश में इन दिनों ठंड का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, जिसका मुख्य कारण कश्मीर और लद्दाख के ऊपरी हिस्सों में हो रही बर्फबारी है। इस बर्फबारी का असर अब प्रदेश में भी दिखने लगा है, जिससे उत्तरी हवाओं के चलते तापमान में गिरावट आ रही है। शुक्रवार को भोपाल में नवंबर महीने का पिछले 10 वर्षों का सबसे कम तापमान रिकॉर्ड किया गया। राजधानी का न्यूनतम तापमान 9.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो कि इस सीजन की सबसे सर्द रात थी। इसके साथ ही प्रदेश के अन्य शहरों में भी रात का पारा 15 डिग्री सेल्सियस से नीचे गिर गया है।
प्रदेश में मौसम का मिजाज
मौसम विभाग ने प्रदेश के कई जिलों में शीत लहर की चेतावनी जारी की है, साथ ही ठंड और कोहरे का डबल अटैक भी देखने को मिल सकता है। बर्फीली हवाओं की वजह से पचमढ़ी, मंडला, उमरिया, राजगढ़, भोपाल और मलाजखंड जैसे क्षेत्रों में रात का तापमान काफी गिर गया। मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में रात के तापमान में और गिरावट हो सकती है।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, कश्मीर और लद्दाख में हो रही बर्फबारी की वजह से उत्तर भारत में ठंड बढ़ गई है, जिसका असर मध्य प्रदेश पर भी हो रहा है। मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक वेद प्रकाश ने बताया कि पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी के कारण सर्दी में और अधिक बढ़ोतरी हो रही है। इसके साथ ही पश्चिम-उत्तर भारत में जेट स्ट्रीम हवाओं का प्रभाव है, जिसके कारण उत्तरी हवाएं प्रदेश में प्रवेश कर रही हैं, जिससे रात का तापमान लगातार गिर रहा है।
इन जिलों में रिकॉर्ड तापमान
भोपाल में शुक्रवार को रात का न्यूनतम तापमान 9.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो नवंबर माह में पिछले 10 वर्षों का सबसे कम तापमान है। यह तापमान 2014 में दर्ज किए गए सबसे कम तापमान से थोड़ा अधिक था। वहीं, 2017 में भी यहां 9.6 डिग्री का न्यूनतम तापमान रिकॉर्ड हुआ था।
मध्य प्रदेश के हिल स्टेशन पचमढ़ी में शुक्रवार को रात का तापमान सबसे कम 7.2 डिग्री सेल्सियस रहा। इसके अलावा, मंडला में तापमान 8.1 डिग्री, उमरिया और राजगढ़ में 9 डिग्री, भोपाल में 9.4 डिग्री और मलाजखंड में 9.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। प्रदेश के प्रमुख शहरों में जबलपुर में दिन का तापमान सबसे कम रहा। गुरुवार को जबलपुर का अधिकतम तापमान 26.4 डिग्री सेल्सियस रहा। इसके अलावा, भोपाल में 27.1 डिग्री, इंदौर में 27.2 डिग्री, ग्वालियर में 27.6 डिग्री और उज्जैन में 28.5 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान दर्ज किया गया।
इन जिलों में हवा की गुणवत्ता
प्रदेश के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, हवा की गुणवत्ता में भी गिरावट आई है। शुक्रवार को भोपाल और उज्जैन की हवा की गुणवत्ता बेहद खराब रही, जहां एक्यूआई (AQI) लेवल 265 दर्ज किया गया। वहीं, जबलपुर में 262, ग्वालियर में 260 और इंदौर में 133 एक्यूआई लेवल दर्ज हुआ।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि हवाओं का रुख बदलने से रविवार रात के तापमान में हल्की बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन शनिवार को भोपाल का न्यूनतम तापमान और गिरकर 9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। साथ ही सुबह के समय घना कोहरा भी छा सकता है, जिससे ठंड का असर और अधिक महसूस हो सकता है।
इस बार मध्य प्रदेश में ठंड की शुरुआत देर से हुई थी, लेकिन अब तापमान में गिरावट के कारण कड़ाके की सर्दी पड़ने लगी है। प्रदेश के मैदानी इलाकों में न्यूनतम तापमान 8.1 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, वहीं पचमढ़ी जैसे हिल स्टेशनों पर तापमान 7.2 डिग्री सेल्सियस तक गिर चुका है। इस मौसम के असर से प्रदेश के लोग ठंड से बचने के लिए अब अधिक गर्म कपड़ों का इस्तेमाल करने लगे हैं, और अगले कुछ दिनों तक ठंड के बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।