जम्मू-कश्मीर से आ रही सर्द हवाओं के कारण मध्य प्रदेश में ठंड का असर धीरे-धीरे बढ़ने लगा है। सोमवार को प्रदेशभर में दिन के तापमान में 3 से 5 डिग्री तक गिरावट देखने को मिली। इसके साथ ही सर्द रातों के बाद अब कड़ाके की ठंड भी जल्द महसूस होने लगेगी। नर्मदापुरम, भोपाल और अन्य स्थानों पर दिन की शुरुआत घने कोहरे और धुंध के साथ हुई। मौसम विभाग ने बताया कि दिल्ली के प्रदूषण का असर ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में सबसे ज्यादा देखा गया, जहां घने कोहरे के कारण दृश्यता 200 मीटर से भी कम हो गई।
प्रदेश में मौसम का मिजाज
मौसम विज्ञानी के अनुसार, फिलहाल कोई प्रमुख मौसम प्रणाली सक्रिय नहीं है, लेकिन उत्तर भारत में जेट स्ट्रीम का प्रभाव देखा जा रहा है। यह ठंडी हवाएं जम्मू-कश्मीर से आने के बाद प्रदेश में सर्दी बढ़ा रही हैं। हालांकि, इन हवाओं की रफ्तार अभी धीमी है, लेकिन 20 नवंबर के बाद इन हवाओं के प्रभाव से तापमान में और गिरावट हो सकती है।
मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में ठंड का असर महसूस होने लगा है। मंगलवार को राजधानी भोपाल और आसपास के क्षेत्रों में घना कोहरा देखा गया, जो इस मौसम में पहला घना कोहरा था। मौसम विभाग ने बताया कि अगले कुछ दिनों में दिन के तापमान में और गिरावट हो सकती है।
इन जिलों का तापमान
राजधानी भोपाल, जबलपुर, और उज्जैन में रात का तापमान सामान्य से नीचे चला गया है। ग्वालियर और उज्जैन में रात का तापमान 15 डिग्री सेल्सियस या उससे भी कम दर्ज किया गया। वहीं, मध्य प्रदेश के इकलौते हिल स्टेशन पचमढ़ी में नवंबर महीने की रातें अब तक की सबसे ठंडी रही हैं। पिछले चार दिनों से यहां का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे बना हुआ है, और रविवार से सोमवार की रात का तापमान 8.2 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। पचमढ़ी में एक सप्ताह में तीन बार तापमान 10 डिग्री से नीचे रहा है।
इन जिलों में बारिश का अलर्ट
ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में अब ठंडी हवाओं का असर बढ़ने वाला है, और अगले दो-तीन दिनों में रात का तापमान और गिर सकता है। मौसम विभाग ने इन क्षेत्रों में नवंबर के अंत में हल्की बारिश का अलर्ट जारी किया है, जिससे ठंड और बढ़ने की संभावना है। रविवार और सोमवार की रात पचमढ़ी में सबसे ठंडा तापमान 8.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके अलावा बालाघाट में 11.4 डिग्री, शहडोल में 10 डिग्री, शाजापुर और उमरिया में 11.6 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा। कुछ अन्य शहरों जैसे नौगांव, रीवा, बैतूल, रायसेन, खंडवा, खरगोन, सतना, छिंदवाड़ा, राजगढ़ और सिवनी में भी तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहा।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
मौसम विभाग का कहना है कि उत्तर भारत से आ रही बर्फीली हवाओं का असर नवंबर के अंत तक प्रदेश में स्पष्ट रूप से देखने को मिलेगा। अगले दो-तीन दिनों में प्रदेश के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान में और गिरावट हो सकती है। इसके साथ ही ग्वालियर और चंबल क्षेत्र में हल्की बारिश की संभावना जताई जा रही है। भोपाल और ग्वालियर में जब लोग सुबह उठे तो उन्हें मौसम ने चौंका दिया। इन शहरों में घने कोहरे का दृश्य था, जो इस सीजन का पहला घना कोहरा था। लोग इस कोहरे को देख कर आश्चर्यचकित थे, क्योंकि सीजन की शुरुआत में ही इतनी घनी धुंध और कोहरा महसूस हुआ।