ज्योतिष और वास्तु शास्त्र में कई सारे ऐसे पेड़ और पौधों के बारे में बताया गया है, जिनको घर में लगाने से सुख-समृद्धि आती है.

ऐसा ही एक पौधा भगवान श्रीकृष्ण को अतिप्रिय है, इनको ज्योतिष और वास्तु शास्त्र में भी काफी महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है.

इन्हीं पौधों में से एक पारिजात का पेड़ भी है, इस पौधे के फूल को भगवान कृष्ण बेहद पसंद करते हैं.

इसे कल्‍पवृक्ष या हरसिंगार का पेड़ भी कहा जाता है, इसका संबंध भगवान कृष्‍ण से है.

इसकी उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई थी, जब इस पेड़ की उत्पत्ति हुई, तब देवराज इंद्र ने इसे स्‍वर्ग में स्‍थापित कर दिया गया था.

एक बार नारद जी से मिले पारिजात के सभी पुष्पों को भगवान कृष्ण ने अपनी पत्‍नी रुक्मिणि को दे दिया था, जिससे सत्यभामा नाराज हो गईं और उन्‍होंने पारिजात वृक्ष ही मांग लिया.

इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण ने अपने दूत के जरिए इंद्र को संदेश भेजा कि वे पारिजात वृक्ष देवी सत्‍यभामा की वाटिका में लगाने के लिए दे दें.

भगवान श्रीकृष्ण के दूत के द्वारा पारिजात के वृक्ष को देने का संदेश पाने के बाद भी इंद्र ने इसे देने से इनकार कर दिया, तब भगवान कृष्ण ने इंद्र को पराजित किया और पारिजात वृक्ष को धरती पर लाए.

ऐसी मान्‍यता है कि पारिजात का पेड़ या कल्‍पवृक्ष हर मनोकामना को पूरी करता है.