हमारे साथ ऐसा अक्सर होता है कि हम काम कुछ कर रहे होते हैं और ध्यान कहीं और होता है।

ये इसलिए होता है कि मन में किसी न किसी तरह के विचार हमेशा चलते रहते हैं, मन कभी शांत नहीं रहता है।

ऐसे में न तो काम करने में मन लगता है और न ही आप किसी एक चीज़ पर ध्यान केन्द्रित कर पाती हैं।

अच्छे हों या बुरे, विचार सबके मन में आते हैं, अपने मन को शांत रखने का मतलब यह नहीं है कि हमें इनसे भागना है या विचार कभी मन में आ ही नहीं सकते हैं

मन को शांत करने का मतलब है कि हम अपने मन के विचारों से परेशान न हों और इसे एक मानसिक प्रक्रिया समझकर इस पर ज़्यादा ध्यान न दें।

अगर आपके मन के विचार थमने का नाम नहीं ले रहे हैं, इसका मतलब है कि आप तनाव में हैं।

जब आपका मस्तिष्क तनाव ग्रस्त होता है तो आपका शरीर भी तनाव में होता है, ऐसे में अपनी बॉडी और माइंड को डीस्ट्रेस करने का सबसे अच्छा तरीका है.

जब आपके पास कोई काम करने को नहीं होता है, तो मन में उल्टे सीधे विचार आने लगते हैं, जो आपको परेशान कर सकते हैं, इसलिए खुद की  मेंटल हेल्थ के लिए एक रूटीन बनाएं और उसे फॉलो करें।