मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के हर क्षेत्र में गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से कुल 9200 सी.एम.राइज स्कूल खोले जाएँगे। इन स्कूलों का मुख्य उद्देश्य बच्चों को ज्ञान, कौशल और नागरिकता के संस्कार देना है। साथ ही, भारतीय संस्कृति और संस्कारों की शिक्षा देना है।
मुख्यमंत्री चौहान के समक्ष आज मंत्रालय में सी.एम.राइज स्कूल की विस्तृत कार्य-योजना प्रस्तुत की गई। बैठक में स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इंदर सिंह परमार वीडियो कान्फ्रेंस से शामिल हुए। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस और प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा उपस्थित थे।
चार स्तरों पर सी.एम. राइज स्कूल प्रस्तावित
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में चार स्तरों जिला, विकासखंड, संकुल और ग्रामों के समूह स्तरों पर सी.एम. राइज स्कूल प्रस्तावित हैं। जिला स्तर पर प्रत्येक जिले में एक (कुल 52) सी.एम. राइज स्कूल होंगे, जिसमें प्रति स्कूल 2000 से 3000 विद्यार्थी होंगे। विकास खंड स्तरीय 261 स्कूल होंगे, जिनमें प्रति स्कूल 1500 से 2000 विद्यार्थी होंगे। इसी प्रकार संकुल स्तरीय 3200 स्कूल होंगे, जिनमें प्रति स्कूल 1000 से 1500 विद्यार्थी होंगे। ग्रामों के समूह स्तर पर 5687 सी.एम.राइज स्कूल होंगे, जिनमें प्रति स्कूल 800 से 1000 विद्यार्थी होंगे।
आठ मुख्य विशेषताएँ
सी.एम. राइज विद्यालयों की 8 प्रमुख विशेषताएँ होंगी। अच्छी अधोसंरचना, हर विद्यार्थी के लिए परिवहन सुविधा, नर्सरी/ केजी कक्षाएँ, शत-प्रतिशत शिक्षक एवं अन्य स्टाफ, स्मार्ट क्लास एवं डिजिटल लर्निंग, सुसज्जित प्रयोगशालाएँ एवं समृद्ध पुस्तकालय, व्यावसायिक शिक्षा और अभिभावकों की सहभागिता।