राजधानी दिल्ली में कोरोना महामारी का खतरा तेजी से बढ़ता ही जा रहा है। अस्पतालों में ऑक्सीजन और बेड्स की लगातार कमी होती दिखाई दे रही है। वहीं दवाओं की कमी से मरीजों की सांसें उखड़ रही हैं। ऐसे में आज इस मामले को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई की गई जिसके दौरान बताया गया कि अस्पताल में ऑक्सीजन का संकट गहरा गया है, जिसकी वजह से 8 मरीजों की जान चली गई। जिसमें अस्पताल के एक डॉक्टर भी शामिल है।
इसके अलावा हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान अदालत ने दिल्ली सरकार से ऑक्सीजन, मेडिसिन और बेड की उपलब्धता के मामले पर सुनवाई के दौरान कई सवाल पूछे। तभी दिल्ली सरकार से पूछा कि संकट के इस वक़्त में आर्मी की सहायता लेने से गुरेज क्यों? साथ ही सुनवाई के दौरान एमिकस क्यूरी राव का कहना था कि मेरी समझ से परे है कि आखिर दिल्ली सरकार संकट की इस घड़ी में आर्मी, नेवी और एयरफोर्स का मदद लेने से क्यों हिचक रही है।
निश्चित तौर पर हमारी सेना ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के दूसरे बेहतर विकल्प दे सकती है। ऐसे में बजाए ये कहने कि बिना ऑक्सीजन के बेड बेकार है, सैन्य बलों की सहायता लिए जाने पर विचार किया जाना चाहिए। जानकारी के अनुसार, दिल्ली सरकार के वकील ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि हम DRDO और राधा स्वामी को पहले ही अप्रोच कर चुके हैं।
इस सवाल पर कोर्ट ने पूछा कि क्या आपके ये कहने का मकसद है कि आप आर्मी को अप्रोच नहीं करेंगे। तब उन्हें जवाब में उत्तर मिला कि हम हर उससे मदद लेंगे जो सहायता कर सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि आर्मी के पास अपने संसाधन होंगे। हम आपको तीन दिन से इसके लिए बोल रहे हैं, आप ना जाने क्यों हिचक रहे हैं। दिल्ली सरकार के यह कहने पर कि इस पर उच्च स्तर पर विचार किया जा रहा है, अदालत ने दोटूक कहा कि इसमें विचार की क्या बात है, आप सीधे अप्रोच कीजिए।