7 दिन मतलब सरप्राइज! तो क्या कट जाएगा फडणवीस- शिंदे का नाम, BJP किसी और को चुनेगी CM?

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महाराष्ट्र में बीजेपी के मुख्यमंत्री के चेहरे पर सस्पेंस बरकरार है। 72 घंटे से ज्यादा समय बीतने के बावजूद मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा नहीं हुई है, और यह बात बीजेपी के इतिहास को देखते हुए कई तरह की अटकलों को जन्म दे रही है। बीजेपी ने हमेशा जब भी 72 घंटे से ज्यादा समय लिया है, तब एक ‘सरप्राइज चेहरा’ सामने आया है। क्या महाराष्ट्र में भी यही ट्रेंड जारी रहेगा?

ओडिशा में सरप्राइज चेहरा: मोहन माझी का मुख्यमंत्री बनने का मौका

2024 में जब बीजेपी को ओडिशा में सरकार बनाने का मौका मिला, तो मुख्यमंत्री के चयन में 8 दिन का समय लग गया। पार्टी ने कई बड़े नेताओं के नामों पर विचार करने के बाद अंततः आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले मोहन माझी को मुख्यमंत्री के रूप में चुना। ओडिशा में धर्मेंद्र प्रधान और मनमोहन सांबल जैसे दावेदार थे, लेकिन माझी की एंट्री ने सबको चौंका दिया।

राजस्थान में 9 दिन की माथापच्ची के बाद भजनलाल शर्मा की एंट्री

2023 के अंत में जब बीजेपी को राजस्थान में सत्ता मिली, तो मुख्यमंत्री के चयन में 9 दिन का समय लगा। पार्टी के अंदर कई बड़े नेताओं की दौड़ थी, जिनमें वसुंधरा राजे और किरोड़ी लाल मीणा जैसे नाम शामिल थे। अंततः पहली बार विधायक बने भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री चुना गया, जो पार्टी के महासचिव थे और उनकी एंट्री ने सबको चौंका दिया।

मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की जगह मोहन यादव

2023 में बीजेपी ने मध्य प्रदेश में भी सत्ता में वापसी की, लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम पर असमंजस बना रहा। आखिरी वक्त में बीजेपी ने मोहन यादव को मुख्यमंत्री बना दिया, जो पहले से इस पद के दावेदार नहीं थे। मध्य प्रदेश में भी बीजेपी को मुख्यमंत्री का चुनाव करने में 8 दिन का वक्त लगा।

छत्तीसगढ़ में भी सरप्राइज चेहरा: विष्णुदेव साय का मुख्यमंत्री बनना

छत्तीसगढ़ में भी 2023 के अंत में बीजेपी को जीत मिली, और पार्टी ने मुख्यमंत्री के चयन में 7 दिन का समय लिया। रमन सिंह और अरुण साव जैसे प्रमुख नेताओं के होते हुए भी, बीजेपी ने विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया। इस फैसले ने भी बीजेपी के पुराने ट्रेंड को दोहराया।

उत्तर प्रदेश और हरियाणा में भी था सरप्राइज चेहरा

2017 में बीजेपी को उत्तर प्रदेश में जीत मिली, और मुख्यमंत्री पद के लिए मनोज सिन्हा, केशव प्रसाद मौर्य जैसे बड़े नाम थे। लेकिन जब चुनाव हुआ तो पार्टी ने गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बना दिया, जो किसी को भी उम्मीद नहीं था। हरियाणा में भी बीजेपी को 7 दिन के बाद मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री चुनने का फैसला किया, जबकि कई अन्य नेता इसके दावेदार थे।

उत्तराखंड और हिमाचल में भी दिखा सरप्राइज चेहरा

उत्तराखंड में 2017 के चुनावों के बाद बीजेपी को मुख्यमंत्री चुनने में 8 दिन का वक्त लगा, और पार्टी ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री चुना, जो सबके लिए एक सरप्राइज था। हिमाचल प्रदेश में भी 2017 के अंत में बीजेपी को 7 दिन बाद जयराम ठाकुर को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया, जो अन्य बड़े नेताओं जैसे प्रेम धूमल और जेपी नड्डा से आगे निकल गए।

जब बीजेपी 72 घंटे से पहले मुख्यमंत्री का चयन करती है, तो वह पुराने मुख्यमंत्री को ही फिर से जिम्मेदारी देती है। जैसे 2019 में हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर को फिर से मुख्यमंत्री बना दिया गया, और 2022 में गुजरात में विजय रूपाणी के स्थान पर भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री बनाया गया।