‘प्यार-मोहब्बत वाली चाय’ के साथ ये शख्स बनाता है 45 अनोखे फ्लेवर वाली चाय

Shivani Rathore
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नई दिल्ली : अभी तक आपने कई तरह की पॉजिटिव स्टोरी के बारें में सुना होगा लेकिन आज हम आपको एक ऐसी स्टोरी के बारें में बताने जा रहे है, जिसके बारें में सुनकर आप चौंक जाएंगे और सोचेंगे कि आपके प्रदेश में कैसे कैसे होनहार लोग रहते है जो एक छोटी सी शुरुआत से कहा से कहाँ पहुँच जाते है…

जी हां, दरअसल हम बात कर रहे है जगदीश कुमार नाम के एक शख्स की जिसने चाय का बिजनेस शुरू कर अपना एक नया रिकॉर्ड बना लिया है. इसके पीछे की वजह दरअसल यह है कि  जगदीश कोई आम चाय नहीं बल्कि 45 वैरायटी वाली चाय बेचने का बिजनेस करते है जिसके बारें में सोचकर हर कोई हैरान है…

तो आइये जानते है जगदीश कुमार NRI चाय वाले के बारें में और इनकी बनाई हुई चाय की वैरायटी के बारें में जिनके नाम सुनकर आप चौंक जाएंगे।।

दिल्ली के रहने वाले जगदीश कुमार न्यूजीलैंड के हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में काम कर रहे थे। लाखों में सैलरी थी, 15 साल तक उन्होंने यहां काम किया। फिर लगा कि बस बहुत हो गया, अब अपने देश के लिए कुछ करना चाहिए, अपने वतन को लौटना चाहिए। 2018 में वे भारत आ गए। यहां आकर उन्होंने NRI चायवाला शुरु किया। इससे सालाना वे 1.8 करोड़ रु कमा रहे हैं। जगदीश की टीम में इस समय 50 से ज्यादा लोग काम करते हैं।

एजुकेशन
जगदीश ने भोपाल के इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट से ग्रैजुएशन की है। इसके कुछ सालों बाद ही वह न्यूजीलैंड चले गए। वो कहते हैं, ‘यहां आने के बाद राह इतनी आसान नहीं थी, जितनी मैंने सोचा था। भारत आने के बाद देश के कई शहरों में गया। फरवरी 2019 में नागपुर के मिहान में कॉर्पोरेट्स ऑफिस में अपनी चाय सर्व करने की कोशिश की, लेकिन मुझे वहां से निराशा ही मिली, लोगों ने मुझे जगह नहीं दी।”

ये है चाय की अनोखी वैरायटी
जगदीश कहते हैं, “मैंने लोगों को 10-12 तरह की चाय पेश की। इसमें मसाला चाय, तंदूरी चाय, मिंट चाय, चॉकलेट चाय, मम्मी के हाथ वाली चाय, मर्दों वाली चाय, प्यार-मोहब्बत वाली चाय, उधार वाली चाय आदि।” वह बताते हैं, ‘चाय पीने से पहले ऑफिस के लोग हंसते थे, इसके बाद चाय के बारे में पूछते थे।’ ये NRI चायवाला के ये कुछ अनूठे फ्लेवर हैं, जो लोगों में दिलचस्पी जगाते हैं। चाय की इन सभी वैराइटी में कुछ खास मसाले भी डाले जाते हैं, जो उनकी सीक्रेट रेसिपी हैं। वह इसे किसी से शेयर नहीं करते हैं। आज उनके पास चाय की 45 वैरायटी हैं, जिसमें उन्होंने अलग-अलग हर्ब्स को मिलाकर चाय तैयार करते हैं।

आयुर्वेद मिश्रण से करते है तैयार
जगदीश कुमार कहते हैं, “भारत चाय का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता है। हमें वहां सबसे अच्छी चाय पीनी चाहिए। लेकिन, यहां पर ज्यादातर चाय स्तरहीन होती है। मैं चाहता हूं कि भारत दुनिया में चाय उद्योग में ग्लोबल लीडर बने। इसलिए मैंने अब तक 45 प्रकार की चाय बनाई है, वो भी हमारे आयुर्वेद के मिश्रण से, जो लोगों की सेहत के लिए भी फायदेमंद होगी।”  NRI बना मेरी पहचान
जगदीश बताते है मैंने चाय बनाने के लिए जरूरत के सामान को इकट्ठा कर उनके ऑफिस के बाहर ही चाय की एक टेबल लगा ली। ये वो जगह थी, जहां पर दफ्तर आने वाले लोग उतरते और रुकते थे। मैंने वहां पर 10-12 तरह की वैरायटी पेश की। मेरी चाय को खूब पसंद किया जा रहा था। फिर कुछ दिन बाद मैंने अपनी टेबल के आगे ‘NRI चायवाला’ का बैनर लगा दिया, जो लोगों के बीच कौतूहल का विषय बन गया। वहां आने वाले लोगों से मैं अंग्रेजी में बात करता था, इससे उन्हें लगता था कि कोई चाय वाला है, जो अंग्रेजी में बात करता है।”