राम मंदिर आंदोलन में इंदौर से अयोध्या गए थे 442 कारसेवक

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इंदौर : राम मंदिर आंदोलन में इंदौर से 442 कारसेवक गए थे। उनमें से अब कुछ इस दुनिया में नहीं रहे। राम मंदिर आंदोलन के लिए देशभर से गए कारसेवकों में इंदौर का भी बड़ा जत्था शामिल था, जिसमें राधेश्याम यादव, राजेश आजाद, पराग कौशल, अश्विनी शुक्ला, मदनलाल फौजदार, कैलाश यादव, शेखर किबे, अरुण मोदी, घनश्याम शेर, मनोज मालपानी, कैलाश शर्मा, बाबा दीक्षित, संजीव बावीकर, दिनेश शर्मा, अतुल सेठ, जयप्रकाश भुराडिय़ा, अशोक चौहान, अशोक खंडेलवाल, जवाहर मंगवानी, शिवप्रसाद हार्डिया, आनंद कानिटकर, देवेंद्र पेंडसे, बलराम वर्मा, राजेश रॉय, देवेंद्र रावत, भूपेंद्र शर्मा, अखिलेश तिवारी, राजेश पाठक, कमलेश बागरेचा, रामकृष्ण नागर, नवीन नौलखा, राजेश राठौर, प्रीतम लूथरा, हरप्रीत बख्शी, प्रताप करोसिया, राकेश पोरवाल, अक्षय सोडानी, अजय जोशी, धनंजय गुंजाल, मुकुंद द्रविड़, राजेश बिंजवे सहित कई लोग थे। इंदौर के अलग-अलग इलाकों से गए जत्थों में शामिल कारसेवक अब खुश हैं कि राम मंदिर बनने की शुरुआत आज से हो रही है। राम मंदिर आंदोलन के जरिये ही लक्ष्मणसिंह गौड़ जैसे कारसेवक बड़े नेता बन गए। लगभग एक दर्जन कारसेवक पार्षद भी बन गए। कई ऐसे कारसेवक हैं, जो गुमनामी के अंधेरे में चले गए, जिन्हें भाजपा में कभी कोई पद भी नहीं मिला। हालांकि कुछ पार्षद ऐसे भी हैं, जिन्हें भाजपा संगठन में जगह मिली। इसके अलावा जो कारसेवक अब इस दुनिया में नहीं हैं उनके परिवार के लोग भी अपना सामान्य जीवन जी रहे हैं। जिन्होंने मंदिर आंदोलन को लेकर अपना सबकुछ खो दिया वो भी आम जीवन जी रहे हैं।