बीमारी शब्द सुनते ही क्या आता है? सिर्फ शारीरिक बीमारी ही। मगर, इस दौर में मानसिक बिमारियों को खतरा भी लगातार बढ़ता जा रहा है। आज भी समाज में मानसिक असंतुलन को एक मजाक या सामान्य तौर पर देखा जाता है। यहां, सिर्फ शारीरिक बिमारियों को ही बीमारी समझा जाता है। हालाँकि, बढ़ते टेक्नोलॉजी के दौर में, कम समय में ज्यादा पाने की चाह में आज ज्यादातर युवा किसी ना किसी प्रकार की बीमारी से ग्रसित है।
मेन्टल हेल्थ से संबंधित ब्रिटिश रिजॉल्यूशन फाउंडेशन की एक रिपोर्ट ने बड़ा खुलासा किया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि आज 20 साल के युवा अपनी 40 की उम्र में पहुँचते-पहुँचते नौकरी छोड़ देंगे या किसी घातक मानसिक बीमारी से ग्रसित होंगे। यह रिपोर्ट बताती है कि बढ़ते समय के साथ मेन्टल हेल्थ भी ख़राब होती जा रही है।
क्या कहती है रिपोर्ट?
ब्रिटिश रिजॉल्यूशन फाउंडेशन की रिपोर्ट के मुताबिक आज 20 साल के युवा अपनी 40 की उम्र में पहुँचते-पहुँचते नौकरी छोड़ देंगे या किसी घातक मानसिक बीमारी से ग्रसित होंगे। इसका मुख्य कारण शारीरक नहीं बल्कि मानसिक बीमारियां होंगी। इस रिपोर्ट के मुताबिक आज का 20 साल का युवा 40 की उम्र तक आते-आते कई मेंटल हेल्थ की समस्या से जूझ रहा होगा। इस स्टडी में बताया गया कि 2021-22 में 18-24 साल के 34% युवा किसी न किसी प्रकार की मेंटल प्रॉब्लम से जूझ रहे थे।
मेंटल प्रॉब्लम के दुष्परिणाम:
करियर पर होगा बुरा असर: इस स्टडी में कहा गया कि किसी ना किसी प्रकार की मेंटल प्रॉब्लम की वजह से आज 20 साल के युवा अपनी 40 की उम्र में पहुँचते-पहुँचते नौकरी या पढाई छोड़ देंगे। इसका मुख्य असर उन पर देखा जाएगा जिनकी इनकम बाकियों की तुलना में कम है।
एंग्जाइटी, डिप्रेशन का खतरा: बढ़ते समय के साथ इन्शान की अभिलाषा भी बढ़ती जा रही है। जिसके कारण एक नई बीमारी हम सब के यहां जन्म ले रही है। कम समय में ज्यादा और बेहतर पाने की चाह या ख़राब लाइफस्टाइल ने हमें कई मेन्टल प्रॉब्लम से घेर कर रखा है। आज के ज्यादातर युवा एंग्जाइटी, डिप्रेशन या तनाव से पीड़ित है। कई युवाओं ने आज-कल एंटी-डिप्रेशन की गोलियां तक खाना शुरू कर दिया है।
कैसे रहे मानसिक बिमारियों से दूर:
- ज्यादा से ज्यादा समय अपने परिवार और दोस्तों के साथ व्यतीत करें।
- जीवन के हर पहलु को खुलकर एंजॉय करें।
- हर वक़्त कोई नई भाषा या कोई नया म्यूजिक सीखें।
- प्रतिदिन कुछ मानसिक और शारीरिक योग या एक्सरसाइज करें।
- संतुलित नींद के साथ अपना खानपान बेहतर रखें।
- दिन का कुछ हिस्सा अपने पंसदीदा कार्य को दें।
- उन लोगों के करीब रहें जिनके साथ आपको अच्छा लगता है।