आज से प्रयागराज में दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन, महाकुंभ मेला, शुरू हो गया है। पहले स्नान के मौके पर लगभग एक करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। इस ऐतिहासिक आयोजन के लिए सरकार ने खास इंतजाम किए हैं, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण है ट्रैफिक व्यवस्था। बड़ी संख्या में वाहनों और श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए, यातायात को सुचारू बनाए रखना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है। लेकिन, सरकार की ओर से इस दिशा में पुख्ता प्रबंध किए गए हैं।
10 लाख गाड़ियों के लिए पार्किंग और मजबूत ट्रैफिक प्लान
महाकुंभ के दौरान वाहनों की भारी आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए 130 पार्किंग स्थल बनाए गए हैं, जहां कुल 10 लाख गाड़ियां खड़ी हो सकती हैं। शुरुआती चरण में 5.5 लाख गाड़ियों के लिए पार्किंग खोली जाएगी। जरूरत पड़ने पर दूसरे चरण के पार्किंग स्थल भी सक्रिय किए जाएंगे, जिनकी क्षमता 4 लाख गाड़ियों की है। कुल मिलाकर, 102 पार्किंग स्थल श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए तैयार हैं, जबकि आपात स्थिति के लिए 28 अतिरिक्त पार्किंग स्थल बनाए गए हैं।
स्नान पर्व से पहले और बाद के दिन प्रयागराज को नो व्हीकल जोन घोषित किया गया है। इससे ट्रैफिक का दबाव कम करने में मदद मिलेगी।
12,000 पुलिसकर्मियों का विशेष प्रशिक्षण
महाकुंभ के ट्रैफिक प्रबंधन के लिए 12,000 पुलिसकर्मियों और 60 अधिकारियों को एक महीने का विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। इन सभी को प्रेजेंटेशन के जरिए रूट और ट्रैफिक मैनेजमेंट की बारीकियां सिखाई गई हैं। प्रयागराज की चारों दिशाओं में ट्रैफिक की व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। एमपी बॉर्डर से प्रयागराज में प्रवेश करते ही महाकुंभ के ट्रैफिक प्रबंधन की झलक दिखाई देगी।
अलग-अलग रूट और स्नान पर्व के लिए विशेष योजना
शहर में आने वाली गाड़ियों के लिए अलग-अलग रूट तय किए गए हैं, ताकि ट्रैफिक जाम की स्थिति न बने। स्नान पर्व के दिनों और सामान्य दिनों के लिए ट्रैफिक प्लान अलग-अलग तैयार किया गया है।