इंदौर 25 अगस्त 2020
इंदौर जिले में कोविड पॉजिटिव मरीजों के इलाज के लिये सात अस्पतालों के 30 प्रतिशत बेड आरक्षित रहेंगे। पूर्व में इनके सहित कुल 28 अस्पतालों में 15 प्रतिशत बेड कोविड के लिये आरक्षित रखने के निेर्देश दिये गये थे। इस संबंध में जारी आदेश में संशोधन कर कलेक्टर मनीष सिंह ने 7 अस्पतालों में 30 प्रतिशत बेड कोविड के इलाज के लिये आरक्षित रखने के निर्देश दिये है।
जिन अस्पतालों में 30 प्रतिशत बेड आरक्षित रहेंगे, उनमें अपोलो हॉस्पिटल, एपल हॉस्पिटल, सीएचल हॉस्पिटल, ग्रेटर कैलाश हॉस्पिटल, मैदांता हॉस्पिटल, शैल्बी हॉस्पिटल तथा सिनर्जी हॉस्पिटल शामिल है। उक्त सभी सातों अस्पतालों में कुल 988 बेड है। इनमें से कुल 330 बेड कोविड पॉजिटिव मरीजों के इलाज के लिये आरक्षित रहेंगे। इनमें 81 आईसीयू, 37 बेड एचडीयू तथा 212 बेड ऑक्सीजन युक्त है। अपोलो हॉस्पिटल में 33 बेड, एपल हॉस्पिटल में 60 बेड, सीएचल हॉस्पिटल में 60 बेड, ग्रेटर कैलाश हॉस्पिटल में 45 बेड, मैदांता हॉस्पिटल में 53 बेड, शेल्बी हॉस्पिटल में 41 बेड तथा सिनर्जी हॉस्पिटल में 38 बेड आरक्षित रहेंगे।
उपरोक्त अस्पतालों में अस्पतालों के संचालकगण पूर्व आदेश अनुसार जो तीन डॉक्टर्स की समिति द्वारा तैयार की गई सुरक्षा संबंधी एसओपी का अनिवार्यतः पालन करेंगे। एसओपी के अतिरिक्त कोई बिन्दु/तथ्य जो शासन स्तर से अथवा आईसीएमआर से जारी हुआ है/होता है तो उसका पालन भी बंधनकारी होगा। उक्त अस्पताल आईसोलेशन वार्ड संबंधी कार्य तत्काल पूर्ण करेंगे तथा भविष्य में यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके यहाँ जो कोविड पॉजिटिव पाए गए हैं उनका ईलाज अस्पताल द्वारा निर्धारित भुगतान/ फीस के आधार पर (जो कि संबंधित भर्ती मरीज द्वारा देय होगा) उक्त अस्पताल के आईसोलेशन वार्ड में किया जायेगा।
उक्त आदेशित सात हॉस्पिटल जो कि संबंधित कोविड-19 पॉजिटिव से भुगतान प्राप्त करने के आधार पर उपचार करेंगे। ऐसे हॉस्पिटल के कोविड-19 में निर्धारित आईसोलेशन वार्ड/बेड्स में अस्पताल प्रबंधन द्वारा नियुक्त किए गए डॉक्टर्स, पैरामेडिकल स्टाफ एवं अन्य स्टाफ हेतु पृथक से ठहरने/खाने आदि की व्यवस्था भी सुनिश्चित करेंगे तथा मात्र ठहरने हेतु कोई समस्या आती है तो विवेक श्रोत्रीय मुख्य कार्यपालन अधिकारी इन्दौर विकास प्राधिकरण इन्दौर ( मोबाईल नंबर 9844389998 संपर्क कर निदान कर सकते हैं। यह व्यवस्था भी भुगतान आधार पर रहेगी, जो कि संबंधित अस्पताल प्रबंधन द्वारा देय होगी।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी पूर्वानुसार ही उक्त अस्पतालों द्वारा निर्धारित संख्या में आईसोलेशन वार्ड/बेड पर सतत् नजर रखेंगे तथा एसओपी के निर्धारित मापदण्डों का पालन सुनिश्चित करवाएंगे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी प्रतिदिन इस कार्य की समीक्षा कर सतत् निगरानी रखेंगे। उक्त आदेश का उल्लंघन होने पर National Disaster Management Act- 2005 एवं The Epidemic Disease Act, 1897 के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए भारतीय दण्ड विधान की धारा 187, 188, 269. 270, 271 एवं डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट-2005 की धाराओं में अपराध पंजीबद्ध कर कार्यवाही की जा सकेगी।