इंडेक्स अस्पताल से 30 मरीज स्वस्थ होकर घर लौटे, कोरोना योद्धाओं का अभूतपूर्व सम्मान

Akanksha
Published on:

इंदौर। कोरोना पॉजिटिव मरीजों को नई जिंदगी देने वाले इंडेक्स अस्पताल ने मरीजों और यहां के कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी है। 4 और 5 नवंबर को यहां से 30 मरीज स्वस्थ होकर घर लौटे। एक ओर अस्पताल स्टाफ के उन सभी कोरोना योद्धाओं को सम्मानित किया गया, जिन्होंने इस पूरे कोरोना काल में अपने सुख-दुख भूलकर मरीजों की जान बचाई और उनकी सेवा की। जबकि दूसरी ओर विभिन्न् बीमारियों के मरीजों के इलाज के लिए नई अत्याधुनिक एमआरआई मशीन का संचालन शुरू किया गया। करीब 10 करोड़ रुपए की लागत से लगाई गई यह मशीन रियायती दरों पर बेहतर परिणाम देने वाली जांच का पर्याय साबित होती।


कर्मचारियों के लिए रखे गए सम्मान समारोह में मध्यप्रदेश शासन की पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुईं। मंत्री ठाकुर ने इस मौके पर कहा कि इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के स्टाफ व डॉक्टरों ने पूरे कोरोना काल में जी-जान से मेहनत की और मरीजों की सेवा की। मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि इनका सेवा भाव इसी तरह बढ़ता रहे और वे एवं उनका परिवार पूर हमेशा स्वस्थ रहें व दीर्घायु हो। इनका कार्य प्रेरणास्पद है और जितनी प्रशंसा की जाए कम है ।

खुद की जान खतरे में डाल कर बचा रहे मरीजों की जान

कोरोना मरीजों को किसी तरह की कोई परेशानी न हो इसके लिए अस्पताल स्टाफ का हर सदस्य अपनी ओर से पूरी कोशिश कर रहा है। यही नहीं स्टाफ के ये सदस्य कोरोना योद्धा की तरह काम कर रहे हैं और दूसरों की जान बचाने के लिए खुद की जान भी खतरे में डाल रहे हैं। उनके इस समर्पण को ध्यान में रखकर अस्पताल प्रबंधन की ओर से स्टाफ के करीब 100 सदस्यों का सम्मान किया गया। प्रशस्ति पत्र के साथ एक-एक माह का अतिरिक्त बोनस भी दिया गया। दीपावली के मौके पर स्टाफ सदस्यों और उनके परिवार को खुशियां देने के लिए यह अतिरिक्त लाभ दिया गया। सम्मानित होने वाले स्टाफ में प्रबंधन के पदाधिकारियों से लेकर डॉक्टर, वार्ड ब्वॉय, मेल और फीमेल नर्स, सफाईकर्मी आदि श्रेणी के कर्मचारी शामिल थे।

10 करोड़ रु. का एमआरआई सेटअप, 200 किमी. दूरी तक के मरीजों को मिलेगा फायदा

कर्मचारियों का सम्मान करने के साथ ही मरीजों को बेहतर सुविधा देने के लिए इंडेक्स मेडिकल कॉलेज व अस्पताल की में एमआरआई के लिए अत्याधुनिक मशीन लगाई गई है। इस मशीन का सेटअप करीब 10 करोड़ रुपए से लगाया गया है और यहां से पहले संभवत: एक या दो मेडिकल कॉलेजों में ही इतनी आधुनिक मशीन लगवाई गई है। नोडल अधिकारी डॉ. सुधीर मौर्य ने बताया कि यह मशीन लगने से इंदौर के आसपास के करीब 200 किमी. में रहने वोले लोगों को फायदा होगा और कम समय में अच्छे परिणामों वाली जांच हो सकेगी। खास बात यह है कि बाजार की अपेक्षा यहां मरीजों की जांच आधी कीमतों पर ही होगी। यानी रियायती दरों पर बेहतर परिणाम प्राप्त करने वाली जांंच हो सकेगी। हर दिन करीब 125 एमआरआई जांच हो सकेगी।

दो दिन में ठीक हुए 30 मरीज, अन्य मरीजों की सेहत में भी सुधार

अस्पताल प्रबंधन से मिली जानकारी के मुताबिक 4 और 5 नवंबर को करीब 30 मरीज स्वस्थ होकर यहां से लौटे। ये सभी मरीज पॉजिटिव होने के बाद अलग-अलग तारीखों में यहां पहुंचे थे। इनमें कई मरीज 60 वर्ष से ज्यादा के थे। यानी उम्रदराज मरीजों को भी अच्छे इलाज के कारण नई जिंदगी मिल रही है और वे ठीक होकर घर लौट रहे हैं।

जितना सम्मान किया जाए उतना कम है

अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद घर जाते समय मरीजों ने कहा कि डॉक्टरों और स्टाफ के सदस्यों का जितना सम्मान किया जाए उतना कम है। अस्पताल में हमें नई जिंदगी मिली है और इसका श्रेय डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों की मेहनत को जाता है। हर स्तर पर उन्होंने हमारा भरपूर ख्याल रखा। अपने सुख- दुख भूल कर हमारी सेवा की। यही कारण है कि हम आज फिर अपने परिवार के बीच अपने घर जा पा रहे हैं।

इलाज और सुविधा सबकुछ नहीं, सावधानी भी जरूरी

डॉक्टर्स ने घर जाने वाले मरीजों से कहा कि वे हर जगह और स्थिति में सावधानियों का अनुसरण करें। थोड़ी सी लापरवाही भी भारी पड़ सकती है और इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है। अस्पताल स्टाफ ने बताया कि इलाज और सुविधा ही सबकुछ नहीं है, सावधानी रखना इससे भी ज्यादा जरूरी है। लगातार मास्क पहनकर रखें, सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें और हाथ धोते रहें। बेहद जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलें। दवाईयों और इलाज की बारी तो अस्पताल पहुंचने के बाद आती है लेकिन अगर सावधानी रखी गई तो अस्पताल पहुंचने की नौबत ही नहीं आएगी और चंद दिनों में कोरोना पर जीत हासिल की जा सकेगी।

कर्मचारियों की मेहनत के बगैर संभव नहीं सफलता

मरीजों की जान बचाने को लेकर इंडेक्स अस्पताल, मेडिकल कॉलेज एवं रिसर्च सेंटर के चैयरमेन सुरेश सिंह भदौरिया ने कहा कि मरीज को ठीक करना सिर्फ डॉक्टर या दवाइयों के बस की बात नहीं है। यह तभी संभव हो पा रहा है जब हर कर्मचारी अपनी ओर से हरसंभव प्रयास कर रहा है। हमारी पूरी कोशिश है कि इंडेक्स अस्पताल में आने वाले हर मरीज़ को हम अच्छी से अच्छी सुविधाएं दे पाए। जिससे उसे बीमारी से निपटने में सहायता मिल सके। 

इंडेक्स अस्पताल, मेडिकल कॉलेज एवं रिसर्च सेंटर के वाइस चेयरमैन मयंकराज सिंह भदौरिया ने बताया कि इंडेक्स अस्पताल में सभी जरूरी व्यवस्थाए उपलब्ध हैं, जो मरीज़ों को इस गंभीर बीमारी का सामना करने में सक्षम बनाती है। साथ ही इंडेक्स अस्पताल प्रबंधन के अथक प्रयासों का परिणाम है जिस वजह से मरीज़ लगातार स्वस्थ हो कर अपने घर लौट रहे है। मरीजों के लिए खुद को खतरे में डालने वाले सभी कर्मचारियों का सम्मान हमने इसलिए कियाताकि उनका मनोबल बढ़े।

अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ इलाज देने की कोशिश

अस्पताल में नई एमआरआई मशीन लगाने को लेकर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एडिशनल डायरेक्टर आरसी यादव ने बताया कि हर दिन नई और अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ इलाज देने की कोशिश की जा रही है। इसी दिशा में नई मशीन स्थापित की गई है, जिसकी लागत करीब 10 करोड़ रुपए है। बाजार से काफी कम कीमतों में बेहतर परिणामों के साथ यहां जांच की जा सकेगी। कोरोना मरीजों को ठीक करने वाले योद्धाओं की टीम में नोडल अधिकारी डॉ. सुधीर मौर्य, एसोसिएट मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. अजय सिंह ठाकुर ,कोऑर्डिनेटर डॉ दीप्ति सिंह हाडा, कोऑर्डिनेटिर डॉ धीरज शर्मा, प्रशासनिक अधिकारी नितिन कोथवाल एवं डॉ.हिमांशु सिंह, डॉक्टर्स, रजत चौहान और उनके सुपरविज़न में काम कर रहे साथी शामिल है। इन सभी के साथ अन्य कोरोना योद्धाओं का भी सम्मान किया गया।