चमोली त्रासदी में अब तक 24 शव मिले, अभी भी 202 लोग लापता रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

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चमोली: उत्तराखंड में एक बार फिर प्रकृति ने अपना केहर बरसाया है, जिससे उत्तराखण्ड में तबाही मच गयी है। रविवार को हुए इस प्राकृतिक आपदा ने सबको चिंता में डाल दिया है, क्योंकि अभी कुछ वर्ष पहले ही उत्तरखंड केदारनाथ में आये प्रलय से लोग आज भी उसे याद करते है तो उनके रौंगटे खड़े हो जाते है। इस रविवार को चमोली में ग्लेशियर के यु अचानक टूटने से फिर उत्तराखंड को जनहानि को उठाना पद रहा है। इस तबाही के बाद आकड़ो के अनुसार अभी भी 202 लोग लापता है और इन्हे ढूंढने व् स्थित को काबू में लाने के लिए आर्मी, आईटीबीपी और एसडीआरएफ की टीमों रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं। इतना ही नहीं इस ग्लेशियर के टूटने के बाद काफी नुकसान भी हुआ है, जिसका लगातार मुआयाना CM त्रिवेन्द्र सिंह रावत खुद कर रहे है।

CM अभी चमोली के आपदाग्रस्त इलाके का दौरे पर हैं, जहा वे आपदा के बाद की पूरी स्थिति की जानकारी स्वयं जाकर ले रहे है। इतना ही नहीं सचिवालय में आपदा प्रबंधन, पुलिस, सेना, आईटीबीपी के अधिकारियों के साथ बैठक कर जोशीमठ के रेणी क्षेत्र में आई आपदा में राहत और बचाव कार्यों की स्थिति की जानकारी ली है। इस बैठक के बाद CM ने बताया है कि “इस घटना में ग्लेशियर फटने जैसे स्थिति नहीं लग रही है, हालांकि घटना की वजह क्या रही है इसको लगातार जांच की जा रही है, राहत एवं बचाव कार्यों में लगे कर्मचारियों को जरूरत का सामान और खाद्य सामग्री पहुंचाई गई है” आगे उन्होंने बताया कि राहत बचाव कार्यों के लिए एसडीआरएफ मद से 20 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की गई है, जो इस आपदा में जरूरत के अनुसार उपयोग में ले जाएगी।

इस आपदा की जानकारी के संबंध में CM रावत ने बताया कि देश के प्रधानमंत्री भी इस घटना की सभी जानकारी ले रहे है और लगातार सम्पर्क में जुड़े हुए है।बता दे कि सभी सेनाओ के जवानो दवारा लोगो को ढूंढा जा रहा है और इसी बीच अभी तक 24 शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि 202 लोग लापता बताए जा रहे हैं। साथ ही एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, उत्तराखंड पुलिस और आर्मी की टीम लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दे रही हैं। इतना ही नहीं संपर्क से कट गए 13 गांवों में हैलीकॉटर की मदद से राशन, दवाइयां तथा अन्य राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है।

 

आपदाग्रस्त इलाके में पहुंचे केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री-
एक बार इस प्राकृतिक आपदा के कारण लोगो ने अपनी जान गवा दी है और इस जगह का मुआयना करने आये केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री आर के सिंह ने बताया कि 1500 करोड़ का एनटीपीसी का प्रोजेक्ट तबाह हो गया है, और उन्होंने मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजा राशि भी 20 लाख तक बढ़ाने की बात कही है। आगे उन्होंने कहा है कि ‘इस वक्त हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती सुरंग में फंसे करीब 34 लोगों को बचाना हैं, अभी हम सुरंग के अंदर 70 मीटर तक गए हैं और करीब 180 मीटर तक और जाना है” इस घटना की खबर के बाद से ही सभी लोग चिंतित है इसी के चलते केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने भी जायजा लिया है।