तेंदुए के हमले में घायल हुई थी 11 महीने की बच्ची, नौ दिन बाद हो गई मौत

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इंदौर: इंदौर में नौ दिन पहले यानी 10 मार्च को खंडवा रोड स्थित झाबुआ फार्म हाउस पर तेंदुए को देखे जाने की सूचना वन विभाग को मिली थी। इस सुचना के साथ ही तेंदुए के हमले से एक 11 महीने की बच्ची घायल हुई थी। जिसको लेकर अभी हाल ही में खबर आ रही है कि 11 महीने की बच्ची ने आखिरकार आज दम तोड़ दिया। काफी ज्यादा इलाज के बाद भी वह बच्ची इस दुनिया को अलविदा कह गई।

जानकारी के अनुसार, तेंदुए के हमले में पांच लोग घायल हुए थे, जिसमें एक वनकर्मी भी शामिल था। वहीं अहम् बात ये है कि वन विभाग ने घायलों के इलाज के लिए सिर्फ दो लाख रुपये की राशि उनके खाते में जमा की थी लेकिन उनके इलाज पर ही करीब चार लाख रुपये खर्च हो गया। दरअसल, 10 मार्च को खंडवा रोड स्थित झाबुआ फार्म हाउस पर तेंदुए को देखे जाने की सूचना वन विभाग को मिली थी।

इसके बाद वन विभाग की रेस्क्यू टीम तेंदुए को पकड़ने में लगी। वहीं बड़ी मशक्कत के बाद भी टीम को सफलता नहीं मिली। जिसके बाद 11 मार्च को दोबारा रेस्क्यू किया गया। थोड़ी देर तक खेत में सर्चिंग चलती रही। बाद में फार्म हाउस से निकलकर खेतों के रास्त तेंदुआ लिंबोदी स्थित शिवधाम कालोनी में पहुंच गया।

जिसमें सबसे पहले एक रहवासी पर तेंदुआ लपका। उसके बाद चौकीदार सुखलाल के घर में घुस गया। सबसे पहले उसकी बड़ी बेटी आरती ने देखा और चिल्लाई। इस पर तेंदुए ने उस पर हमला कर दिया। बेटी का चीख सुनकर सुखलाल दौड़ पड़ा। फिर बाद में सुखलाल की 11 महीने की नातिन भूमिका को भी तेंदुए ने घायल कर दिया। जिसके बाद घायलों का इलाज टी. चोइथराम अस्पताल में चल रहा था। लेकिन आज रात तीन बजे भूमिका ने दम तोड़ दिया।

बताया जा रहा है कि भूमिका के सीने में तेंदुए के दांत के गहरे जख्म हो गए थे। जिसकी वजह से भूमिका की आंत में संक्रमण फैल गया था। उसे नली के द्वारा तरल पदार्थ दिया जा रहा था और नली में भी खून आने लग गया था। भूमिका का आपरेशन भी किया गया ताकि उसके स्वास्थ्य में सुधार हो सके लेकिन बच्ची हालत बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई।