आईआईएम इंदौर में जीएमपीई की 10वीं बैच की हुई शुरुआत

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Indore : यूएई और जीसीसी राष्ट्रों  में आईआईएम इंदौर के कार्यकारी अधिकारियों के लिए सामान्य प्रबंधन कार्यक्रम के दसवें बैच की शुरुआत 04 नवंबर, 2022 को ऑनलाइन हुई। प्रो.हिमाँशु राय, निदेशक, आईआईएम इंदौर ने नए बैच का उद्घाटन किया। प्रो. मनोज मोतियानी, प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर,जीएमपीई और फैकल्टी, आईआईएम इंदौर, और डॉ. महेश चोटरानी, ​​​​संस्थापकनिदेशक, अनिसुमा ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट भी उपस्थित थे।

अपने व्यक्तव्य में, प्रो. हिमाँशु राय ने एक व्यक्ति को जीवन में जिन तीन अवरोधों का सामना करना पड़ता है, उन्हें दूर करने के तरीके, और तीन परिवर्तन जो एक व्यक्ति को खुश, संतुष्ट और जीवन में सफल बनने में मदद करेंगे, के बारे में बताया। ‘स्वधर्म’ के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि एक बार जब कोई व्यक्ति अपने जुनून की खोज कर लेता है, तो वह जूनून ही उसका स्वधर्म बन जाता है।

एक बार जब आप अपने स्वधर्म की पहचान कर लेते हैं, तो आपको इसके साथ आगे बढ़ने में कई बाधाओं को पार करना पड़ सकता है। इन बाधाओं का उल्लेख करते हुए, प्रो. राय ने कहा, ‘धन पहलीबाधा है, और आपको यह तय करना होगा कि आप अपने धन से क्या हासिल करना चाहते हैं। सुनिश्चित करें कि आप अपनी आवश्यकताओं और इच्छाओं के बीच अंतर करने में सक्षम हों’। उन्होंने नए बैच से दूसरी बाधा – नकारात्मकता को खत्म करने के लिए स्वयं की उम्मीदों पर जीवन जीने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा कि असफलता का डर तीसरी बाधा है। ‘अपना मार्ग प्रशस्त करें। सफलता की कुंजी है कभी हार न मानने की क्षमता, और आगे चलते रहने का साहस’, उन्होंने समझाया। प्रो. राय ने प्रतिभागियों को अपने पेशेवर सम्बन्ध सुदृढ़करने और अपने नेटवर्क को विकसित की सलाह दी, जिससे वे सफल बन सकें। कर्तव्यनिष्ठा के बारे में बात करते हुए, प्रो. राय ने कहा कि अनुशासन, खुला दिमाग और हृदय होना, नई चीजों को आजमाना और हर चीज से सीखने की जिज्ञासा होने से व्यक्ति को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलती है।

उन्होंने सुझाव दिया कि प्रतिभागी अपने जुनून से अपनी पहचान बनाएं, न कि अपने पद से। ‘अपने विशेषाधिकारों का उपयोग जरूरतमंदों के लिए करें। अपनी क्षमता का उचित उपयोग दूसरे व्यक्ति को खुशी प्राप्त करने में मदद कर सकता है। यदि आप अपने चारों ओर खुशी और आनंद फैला सकते हैं, तो आप अपनी वास्तविक क्षमता भी प्राप्त कर सकेंगे और इस दुनिया को बेहतर बनाने में योगदान दे सकेंगे।

जीएमपीई के दसवें बैच में कतर (4), सऊदी अरब (5), कुवैत (4) और ओमान (9) के 22 प्रतिभागी हैं।