श्री महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति की बैठक आयोजित, दी महत्वपूर्ण जानकारी

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उज्जैन 03 अक्टूबर। श्री महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति की बैठक आज सिंहस्थ मेला कार्यालय में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा दी गई। बैठक में जानकारी दी गई कि उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित निर्णय के अनुपालन में पंचामृत केवल परम्परागत पूजा में ही उपयोग किया जा रहा है। श्रद्धालुओं द्वारा पंचामृत नहीं चढ़ाया जा रहा है। इसी तरह भगवान महाकालेश्वर को मेटल मुंडमाला सर्पकर्ण के स्थान पर वैकल्पिक रूप से उपयोग की जाने वाली मुंडमाला व सर्पकर्ण का वजन पहले से ही आधा किया जा चुका है एवं अब एक समिति इस विषय पर विचार कर रही है कि कैसे इसका उपयोग किया जाए ताकि शिवलिंग के क्षरण की सम्भावना नगण्य हो सके। इसी तरह भस्म आरती में प्रयुक्त भस्म के सेम्पल पीएच मानक के परीक्षण हेतु जबलपुर प्रयोगशाला में भेजे गये हैं। बैठक में नगर निगम आयुक्त क्षितिज सिंघल, श्री महाकालेश्वर मन्दिर समिति के प्रशासक एसएस रावत, अपर कलेक्टर नरेन्द्र सूर्यवंशी, एडीएम जितेन्द्रसिंह चौहान, महन्त विनीत गिरीजी महाराज, मन्दिर प्रबंध समिति के सदस्य आशीष पुजारी, दीपक मित्तल, विजयशंकर शर्मा एवं अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण मौजूद थे।
      बैठक में प्रशासक रावत ने माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित निर्णय के अनुपालन में अब तक की गई कार्यवाही के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि CBRI रूरकी की टीम महाकालेश्वर मन्दिर एवं नागचंद्रेश्वर मन्दिर के स्ट्रक्चर का संरक्षण हेतु अध्ययन कर चुकी है एवं शीघ्र ही रेपोर्ट प्रस्तुत करेगी .इसके साथ ही ASI एवं GSI की टीम का शिवलिंग और मंदिर की अन्य संरचनाओं की स्टडी के लिए 4 अक्टूबर को भ्रमण प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि शिवलिंग को श्रद्धालुओं द्वारा नहीं मले जाने के निर्देश के सम्बन्ध में पुजारी-पुरोहितों को निर्देशित कर दिया गया है। गर्भगृह में पूजा-अर्चना की चौबीस घंटे रिकार्डिंग की जाना है और उसे छह माह तक सुरक्षित रखी जाना है। इस सम्बन्ध में जिला सूचना विज्ञान अधिकारी को पत्र जारी कर कार्यवाही के लिये कहा गया है। इसी तरह श्रद्धालुओं द्वारा केवल शुद्ध दूध ही शिवलिंग पर चढ़ाने की अनुमति दी गई है। तात्कालिक व्यवस्थाओं के तहत श्रद्धालुओं को शुद्ध दूध उपलब्ध कराये जाने हेतु मन्दिर समिति द्वारा साँची से गाय का शुद्ध दूध उपलब्ध कराने हेतु कहा गया है।
ऑनलाइन प्रीबुकिंग नहीं कराने वाले 100 रुपये की दानराशि की रसीद कटाकर सामान्य दर्शन कर सकेंगे
      बैठक में निर्णय लिया गया कि वर्तमान में प्रीबुकिंग के लिये जारी ऑनलाइन व्यवस्था के अलावा यदि कोई व्यक्ति बिना बुकिंग के मन्दिर पहुंच जाता है तो वह 100 रुपये की दानराशि की रसीद कटाकर प्रीबुकिंग वाले सामान्य दर्शनार्थियों के साथ लाइन में लगकर दर्शन कर सकेगा। 250 रुपये की विशेष दर्शन व्यवस्था भी जारी रहेगी।
 
वार्षिक बजट वर्ष 2020-के बजट को अगली बैठक में रखने के निर्देश दिए गए। बैठक में विगत जून माह में सम्पन्न 10 दिवसीय शिवभक्ति यज्ञ अनुष्ठान का, प्रधानमंत्री राहत कोष एवं मुख्यमंत्री राहत कोष व रेडक्रॉस सोसायटी में प्रदान की गई सहायता राशि 15 लाख रुपये का अनुमोदन भी किया गया। इसी तरह कोठार शाखा प्रभारी को अत्यावश्यक नगदी व्यय हेतु स्थाई अग्रिम 50 हजार रुपये प्रदान किये जाने के सम्बन्ध में भी निर्णय लिया गया। बैठक में महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति के अधीन कार्यरत चार कर्मचारियों के कोविड-19 महामारी से संक्रमित होने पर 15 दिवस का सवैतनिक अवकाश प्रदान करने का निर्णय लिया गया।
      बैठक में श्री महाकालेश्वर मन्दिर में नित्य-प्रतिदिन हजारों की संख्या में आने वाले दर्शनार्थियों की व्यवस्थाओं के दृष्टिगत मन्दिर परिसर का विस्तार किये जाने की दृष्टि से महाकाल धर्मशाला, नि:शुल्क अन्नक्षेत्र, प्रवचन हॉल तथा विजयाराजे अस्पताल डिसमेंटल करने के लिये निविदा जारी करने का अनुमोदन किया गया। बैठक में श्री महाकालेश्वर मन्दिर की गौशाला का आधुनिकीकरण करने एवं वहां पर सीसीटीवी कैमरे लगाने तथा गौशाला में कार्यरत कर्मचारियों को पशुपालन हेतु प्रशिक्षित करने का निर्णय लिया गया। यह कार्य कृषि विज्ञान केन्द्र एवं पशुपालन विभाग के सहयोग से किया जायेगा।
      बैठक में कलेक्टर ने निर्देशित किया कि महाकालेश्वर मन्दिर के विस्तार जिनमें गेस्ट हाउस, अतिथि निवास एवं अन्य विकास कार्य शामिल हैं, का एक ब्रोशर बनाकर दानदाताओं को भेजा जाये एवं उनसे इस कार्य में सहभागिता प्राप्त की जाये।