नई दिल्ली- हालही में अंतरिक्ष से आ रहा एस्टेरॉयड यानी उल्कापिंड धरती के बहुत ही करीब से निकल गया| यह उल्कापिंड धरती के बगल से 13 किलोमीटर प्रति सेकेंड की गति से निकला है| हालांकि, यह एस्टेरॉयड धरती से 37 लाख किलोमीटर दूर से निकल गया| एस्टेरॉयड 2010एनवाई65 की गति इतनी ज्यादा थी कि अगर वह धरती पर गिरता तो कई किलोमीटर तक तबाही मचा सकता था| अगर समुद्र में गिरता तो बड़ी सुनामी पैदा कर सकता था|
यह उल्कापिंड करीब 46,500 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से धरती के करीब से निकला| अनुमान लगाया जाये तो यह उल्कापिंड दिल्ली के कुतुबमीनार से चार गुना और अमेरिका के स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से तीन गुना बड़ा था| जिसकी लंबाई करीब 1017 फीट है| जबकि, स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी 310 फीट और कुतुबमीनार 240 फीट लंबा है|
बता दे कि यह एस्टेरॉयड 24 जून 2020 की दोपहर 12.15 पर पृथ्वी के करीब से गुजर गया| वही अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अनुमान के मुताबिक यह धरती से करीबन 37 लाख किलोमीटर दूर से निकल गया|
हलाकि जून में एस्टेरॉयड गुजरने की यह तीसरी घटना है| बता दे कि पहला एस्टेरॉयड 6 जून को धरती के बगल से गुजरा था| यह 570 मीटर का था| यह धरती के बगल से 40,140 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से गुजरा था| इसका नाम 2002एनएन4 था| इसके बाद 8 जून के एस्टेरॉयड 2013एक्स22 एस्टेरॉयड धरती के करीब से गुजरा था| जिसकी गति 24,050 किलोमीटर प्रतिघंटा थी| यह धरती से करीब 30 लाख किलोमीटर दूर से निकला था| और तीसरा उल्कापिंड आज यानि 24 जून को धरती के बगल से गुजर गया| यह धरती से करीबन 37 लाख किलोमीटर दूर से निकल गया| जिसकी रफ़्तार करीब 46,500 किलोमीटर प्रति घंटा थी|