कोविड-19 के संक्रमण के नए मरीजों की संख्या में प्रदेश में दिन प्रतिदिन वृद्धि हो रही है। संपूर्ण मध्यप्रदेश में इंदौर शहर में कोरोना वायरस से संक्रमित सबसे अधिक मरीजो की संख्या दर्ज हो रही है। साथ ही कोविड-19 के गंभीर मरीज अन्य जिलों से भी इलाज के लिए इंदौर शहर में स्थित निजी एवं शासकीय चिकित्सालयों में भर्ती हो रहे हैं। विदित हो की कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के उपचार हेतु Remdesivir एवं Tocilizumab इंजेक्शन का प्रयोग किया जाता है।
वर्तमान में कोरोना मरीजों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि के कारण उक्त दोनों ही औषधियों की मांग एवं आपूर्ति को नियंत्रित किया जाना आवश्यक है। इन दोनों ही औषधियों की जिला इंदौर एवं प्रदेश के अन्य शहरों में सुलभ आपूर्ति बनी रहे, इसे ध्यान में रखते हुए कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी मनीष सिंह द्वारा आवश्यक दिशा निर्देश जारी किये गये हैं।
कलेक्टर द्वारा निर्देश दिये गये हैं कि उक्त दोनों ही औषधियों को हॉस्पिटल एवं उनसे सम्बंधित खेरची औषधि विक्रय संस्थानों से विक्रय करते समय कोरोना संक्रमित मरीज का आधार कार्ड या अन्य कोई फोटो आईडी, कोरोना संक्रमित मरीज की पॉजिटिव रिपोर्ट एवं रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर का वैद्य प्रिस्क्रिप्शन आवश्यक रूप से लिए जाए एवं इनकी एक प्रति आवश्यक रूप से संधारित करके रखी जाए।
साथ ही प्रोफार्मा-1 में जानकारी संकलित कर समस्त हॉस्पिटल अपने संस्थान पर जांच हेतु आवश्यक रूप से उपलब्ध रखे एवं प्रोफार्मा 2 में जानकारी संकलित कर सम्बंधित स्टॉकिस्ट/सी.एंड.एफ. के माध्यम से संबंधित क्षेत्र के औषधि निरीक्षक को प्रेषित करें।
उक्त दोनों औषधियों के स्टॉकिस्ट/ सी.एंड.एफ. अपने से सम्बंधित हॉस्पिटल से उनके लिखित क्रय आदेश पर ही उपरोक्त औषधियों का विक्रय करेंगे। साथ ही इन चिकित्सालयों से सम्बंधित प्रोफोर्मा-2 में प्राप्त जानकारी संबंधित क्षेत्र के औषधि निरीक्षक को प्रेषित किया जाना सुनिश्चित करेंगे। उक्त दोनों औषधियों के स्टॉकिस्ट/ सी.एंड.एफ अंतिम 24 घंटे (तारीखवार) का क्रय विक्रय एवं स्टॉक का रिकॉर्ड निर्धारित प्रोफार्मा-3 में अगले दिन सुबह 11 बजे तक संबंधित क्षेत्र के औषधि निरीक्षक को प्रेषित किया जाना सुनिश्चित करेंगे। जिससे की उपरोक्त औषधियों के मांग एवं आपूर्ति का आंकलन कर इन दोनों ही औषधियों की सुलभ आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री मनीष सिंह ने नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 एवं एपिडेमिक डिसीज एक्ट 1897 के अन्तर्गत उक्त आदेश जारी किये गये हैं।
सभी औषधि निरीक्षक अपने क्षेत्र से संबंधित संकलित जानकारी अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी श्री अभय बेडेकर को प्रतिदिन प्रेषित करेगें। उक्त आदेश का उल्लंघन होने पर भारतीय दण्ड विधान की धारा 187, 188, 266, 270, 271 एवं डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट-2005 की सुसंगत धाराओं में अपराध पंजीबद्ध किया जायेगा।