भोपाल: मध्यप्रदेश के गुना शहर में एमपी पुलिस द्वारा एक किसान की बेरहमी से पिटाई का वीडियो वायरल हो रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि शिवराज सरकार प्रदेश को कहां ले जा रही है? ये कैसा जंगल राज है?
दरअसल ये मामला मंगलवार का है, लेकिन वीडियो वायरल होने के बाद इस मामले को लेकर हलचल मच गई है। बता दे कि गुना के कैंट इलाके में पुलिस टीम एक दलित किसान दंपती के कब्जे से जमीन छुड़ाने के लिए गई थी। इस दौरान पुलिसवालों ने पति-पत्नी और उसके बच्चों तक पर जमकर लाठियां बरसाईं।
इस मामले में देर रात मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुना के कलेक्टर और एसपी को तत्काल हटाने के निर्देश दिए हैं। उच्च स्तरीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं।
साथ ही कमलनाथ ने ट्वीट किया- पीड़ित युवक का जमीन संबंधी कोई शासकीय विवाद है तो भी उसे कानूनन हल किया जा सकता है। इस तरह क़ानून हाथ में लेकर उसकी, उसकी पत्नी की, परिजनों की और मासूम बच्चों तक की इतनी बेरहमी से पिटाई, यह कहां का न्याय है? क्या यह सब इसलिए कि वो एक दलित परिवार से है, गरीब किसान हैं?”
बता दे कि साइंस कॉलेज के लिए दी गई जमीन से कब्जा हटाने के दौरान एक दलित दंपती ने कीटनाशक पीकर आत्महत्या का प्रयास किया था। यह घटना जगनपुर चक में मंगलवार दोपहर 2.30 बजे की है। दंपती अपने 7 बच्चों के साथ प्रशासनिक- पुलिस अफसरों के सामने हाथ जोड़ता रहा, उसका कहना था कि यह भूमि गप्पू पारदी ने उसे बटिया पर दी है। कर्ज लेकर वह बोवनी कर चुका है। अगर फसल उजड़ी तो बर्बाद हो जाएगा, लेकिन किसान की फरियाद किसी ने नहीं सुनी।
बता दे कि गुना में पुलिस द्वारा किसान दंपती की पिटाई का वीडियो ट्विटर पर टॉप ट्रेंड पर है। ट्वीटर पर लोग सरकार और पुलिस की आलोचना कर रहे हैं। साथ ही शिवराज सिंह पर ट्वीट हो रहे है ट्वीट में लिखा है की शिवराज सिंह इस्तीफा दो। इस मामले को लेकर हर दो मिनट में एक ट्वीट और रिट्वीट आ रहा है।
जमीन पर कई साल से पूर्व पार्षद गप्पू पारदी और उसके परिवार का कब्जा है। पारदी परिवार ने जमीन राजकुमार अहिरवार को बटिया पर दे दी है। किसान राजकुमार का कहना था कि उसने 2 लाख कर्ज लेकर बोवनी की है। इससे पहले का भी उस पर 2 लाख का कर्ज चढ़ा हुआ है। उसने पुलिस और प्रशासनिक अमले से अपील की कि यह कब्जा बाद में हटवा लें।
राजकुमार और उसकी पत्नी ने जहर पी लिया और जमीन पर गिर पड़े। मासूम बच्चे पास बैठकर रोते रहे। कुछ देर बाद दोनों को उठाकर जिला अस्पताल भेजा गया। राजकुमार के छोटे भाई ने कब्जा हटाने का विरोध किया तो उस पर भी लाठियां भांजी गईं। जबकि, पुलिस अधिकारियों का कहना था कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है।