इन्दौर। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के आकड़े हर दिन बढ़ते ही जा रहे है। कोरोना के आकड़ो में हर दिन इजाफा ही मिल रहा है। वही, मध्यप्रदेश के ‘मिनी मुंबई’ कहलाने वाले शहर इंदौर में भी संक्रमण तेजी से फ़ैल रहा है। जिसके चलते कलेक्टर मनीष सिंह को पत्र मिला। पत्र में लिखा कि, नागरिकों को सर्वोच्च क्वालिटी रिपोर्ट स्थापनाकाल से ही अन्य पेथालॉजिक लेब के शुल्क से 70 प्रतिशत कम शुल्क में रोगियों को उपलब्ध करवाई जा रही है। इसी कारण कोरोना टेस्ट आर.टी.पी.सी.आर. हेतु योग्य एवं अनुभवी स्टाफ नियुक्त कर 3 से 4 शिफ्ट में रात 2 बजे तक दक्षतापूर्वक कोरोना टेस्ट सेन्दल लेब द्वारा की जा रही है।
साथ ही पत्र में जानकारी देते हुए कहा कि, समाचार पत्रों में आर.टी.पी.सी.आर. टेस्ट की दर रूपये 1,200/- निजी लेबोरेटरी हेतु आदेशित किये जाने की जानकारी उपलब्ध होते ही सेन्दल लेब द्वारा क्वालिटी टेस्ट रिपोर्ट मरीजों को उपलब्ध करवाना सम्भव नहीं होने के कारण सद्भावनापूर्वक केवल आर.टी.पी.सी.आर. टेस्ट नहीं करने का निश्चय सेन्ट्ल लेब ने कार्यान्वित कर दिया है। आगे लिखा कि, जब भारत सरकार/राज्य सरकार ने आर.टी.पी.सी.आर. टेस्ट का शुल्क रूपये 4,500/- निर्धारित किया था। तब भी सेन्दल लेब द्वारा उक्त टेस्ट रूपये 3,500/- में तथा उसके बाद रुपये 2,500/- में स्वयंमेव करना आरम्भ कर दिया था।
वही, सेन्दल लेब के द्वारा आज तक की गई आर.टी.पी.सी.आर. टेस्ट की क्वालिटी शत-प्रतिशत सत्य एवं प्रमाणित होने का प्रमाणीकरण एम्स भोपाल द्वारा भी दिया जाता रहा है। सेन्दल लेब द्वारा आर.टी.पी.सी.आर. टेस्ट के साथ अन्य आवश्यक ब्लड टेस्ट रूपये 2,500/- में रोगियों को उपलब्ध करवाना आरम्भ कर दिया था, परन्तु केवल आर.टी.पी.सी. आर. टेस्ट रूपये 1,200/- शुल्क में करके उच्च क्वालिटी रिपोर्ट उपलब्ध करवाया जाना सम्भव नहीं होने से उक्त टेस्ट बन्द किये जाने के अतिरिक्त सेन्दल लेब के पास कोई विकल्प उपलब्ध नहीं है।