पूर्वोत्तर में जहां कोई पीएम नहीं आते थे, वहां मोदी 30 बार आए- तोमर

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नई दिल्ली : उमियम (मेघालय), 4 अक्टूबर 2021, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पूर्वोत्तर राज्यों के प्रवास के पहले दिन केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के तहत उमियम (मेघालय) स्थित कृषि विज्ञान स्नातकोत्तर अध्ययन महाविद्यालय में, कृषक उत्पादक संगठनों से सम्बद्ध किसानों, कृषि निर्यातकों व अन्य सदस्यों तथा पूर्वोत्तर राज्यों के उद्यमियों के साथ संवाद किया। इस दौरान किसानों ने बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, कृषि विज्ञान केंद्रों व अन्य सरकारी संस्थानों व योजनाओं की मदद से उनकी आय कई गुना बढ़ गई है। तोमर ने रिभोई में महाविद्यालय के नए सभागार का उद्घाटन भी किया। यहां उन्होंने कहा कि देश के पूर्वोत्तर के राज्यों में पहले जहां कोई प्रधानमंत्री नहीं आते थे, वहीं नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद इस क्षेत्र का 30 बार दौरा किया है।

तोमर ने विश्वास जताया कि केंद्र व राज्य की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं व कार्यक्रमों के माध्यम से सरकार पूर्वोत्तर के राज्यों के तस्वीर-तकदीर बदलने में कामयाब होगी। तोमर ने कहा कि मेघालय के दूरस्थ कृषि कालेज में 19 राज्यों के विद्यार्थियों का पढ़ना कृषि से युवाओं के जुड़ाव का अनुपम उदाहरण है। मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि पूर्वोत्तर का क्षेत्र हिंदुस्तान का सोने का चिड़िया कहलाने वाले क्षेत्र है। जो संपदा यहां है, वह अन्य क्षेत्रों में नहीं है। यह क्षेत्र दूरस्थ व दुर्गम है, यहां पहाड़ियां है, साधनों का अभाव है, इसके बावजूद इसकी संपन्नता की जितनी तारीफ की जाएं, वह कम है। वर्ष 2014 में जब मोदी ने पीएम के रूप में शपथ ली, तब से लगातार उनका प्रयत्न रहा कि पूरा पूर्वोत्तर क्षेत्र कैसे मुख्यधारा में आएं, इसके लिए उनकी सकारात्मक पहल रही है।

प्रधानमंत्री ने पैसों का प्रबंध किया व रेल व हवाई सेवाओं से क्षेत्र को जोड़ा जा रहा है, सारी योजनाएं जब फलीभूत होगी, तब पूरे देश के साथ यह क्षेत्र भी मुख्यधारा में होगा। यहां अर्थव्यवस्था सशक्त करने की दिशा में भी पीएम के निर्देश पर लगातार प्रयास हो रहा है।
तोमर ने कहा कि गत राष्ट्रपति चुनाव में वे उम्मीदवार के प्रचार के लिए साथ आए थे, तब सभी जगह गए, जबकि पहले सभी मतदाताओं को गुवाहाटी बुला लिया जाता था। अभी उपराष्ट्रपति भी यहां आए हुए हैं। पहले कोई पीएम इस क्षेत्र में आवागमन नहीं करते थे, वहीं मोदी 30 बार यात्रा कर चुके हैं, यह बड़ी बात है। मोदी के मंत्रिमंडल के सहयोगी भी पांच-सात साल में जितनी बार पूर्वोत्तर आए, उतने मंत्री पहले कभी नहीं आए। इसके पीछे मंशा यही है कि क्षेत्र की कठिनाइयां समझकर निराकरण किया जा सकें ताकि इसका फायदा राज्यों को मिलें। मोदी सरकार के लिए पूर्वोत्तर के मायने सिर्फ गुवाहाटी नहीं, बल्कि अन्य दूरस्थ क्षेत्र भी है।

उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र का कृषि में अभूतपूर्व योगदान हो सकता है। यह खुशी की बात है कि इम्फाल कृषि वि.वि. में 19 राज्यों के बच्चे पड़ रहे हैं, जिससे अंदाज लगाया जा सकता है कि सरकार दवारा कृषि क्षेत्र पर कितना ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। कोविड काल में कृषि का महत्व और अधिक रेखांकित हुआ है। संकट के इस दौर में लाकडाउन के रहते भी किसानों ने खेती-किसानी का काम चालू रखा, बल्कि पहले से अधिक बंपर पैदावार की, सरकार ने ज्यादा खरीदी की व अगली फसल की बवाई भी बहुत हुई, जिससे कृषि क्षेत्र ने अपनी प्रासंगिकता सिद्ध की है। हमारी कृषि की अर्थव्यवस्था किसी भी प्रतिकूल परिस्थितियों से निपटते हुए उससे बाहर निकलने में ताकत के रूप में काम करेगी। कृषि की अर्थव्यवस्था को बल देना अपने देश की रीढ़ को मजबूत करने जैसा है, अतः पूरे मनोयोग से सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर व्यवस्था को सभी मिलकर सशक्त करें।

तोमर ने भरोसा दिलाया कि यहां के किसानों की भलाई के लिए केंद्र सरकार कंधे से कंधा व कदम से कदम मिलाकर हरदम साथ खड़ी रहेगी।
मेघालय के कृषि और बागवानी मंत्री बेन्टिडोर लिंगदोह ने भी संबोधित किया। केंद्रीय कृषि वि.वि., इम्फाल के कुलपति डा. अनुपम मिश्रा ने स्वागत भाषण दिया। समारोह में क्षेत्र के अनेक गणमान्यजन उपस्थित थे। प्रारंभ में तोमर से चर्चा के दौरान किसानों ने बताया कि यहां आईसीएआर के संस्थान व केवीके अच्छा काम कर रहे हैं, जिनकी सहायता से व एफपीओ बनाकर आय 50 हजार रू. से बढ़कर तीन-चार लाख रू. तक हो गई है। क्षेत्र के पाइनापल, हल्दी, अदरक की देशभर में मांग है, जिसका लाभ किसानों को मिल रहा है व आगे और भी मिलेगा। चर्चा के दौरान यह भी बताया गया कि केंद्रीय कृषि वि.वि. बेहतर काम कर रहा है, जिसका फायदा कृषि क्षेत्र को हो रहा है।