17 साल पहले पुलिस सेवा में एक साथ लगे आरक्षकों ने जाना एक-दूसरे का हाल

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इंदौर (Indore News) : दिनांक 18/8/2021 को विशेष सशस्त्र बल के 2004 बैच के आरक्षकों द्वारा गूगल मीट के माध्यम से अपनी सेवा की 17वीं वर्षगांठ मनाई इस मीटिंग को आरक्षक एवम् कवि सुनील रघुवंशी ‘सिपाही’ द्वारा संचालित किया गया। कार्यक्रम में सभी बैचमेट्स ने एक-दूसरे के हालचाल जाने। इसके साथ ही एक-दूसरे की समस्या पर भी बातचीत कर उनके समाधान की रणनीति बनाई। कोराेना से बचाव एवं रोकथाम पर भी चर्चा की गयी। कार्यक्रम का संचालन सुनील रघुवंशी ‘सिपाही’ ने अपनी कविताओं के साथ किया।

कार्यक्रम में संजय जायसवाल, प्रदीप सिंह चौहान, विवेक सिंह, राजेंद्र मालवीय, विकास वराड़े, शंकर सिंह बिष्ट, किशोर सोनपूरे, कपिल शर्मा, हरिमोहन शर्मा, दीपक चतुर्वेदी, आशीष शर्मा, मनीष शर्मा, विष्णु प्रसाद यादव, अरुण ठाकुर, रामनरेश सिंह, विमल शर्मा, सुशील रघुवंशी, शिवेंद्र रघुवंशी, वीरेंद्र सिंह नेगी, मनीष क्षेत्री, कृष्णपाल सिंह, ज्ञानेंद्र मिश्र, रुद्र कुमार त्रिपाठी, भूपेंद्र सिंह चौहान, मदन मोहन सिंह जादौन ने भाग लिया।आरक्षकों द्वारा सेवा के 15 वर्ष पूर्ण होने पर 5 पेड़ प्रतिवर्ष लगाने के संकल्प को भी दोहराया। पुलिस सेवा के साथ बढ़ती उम्र पर चर्चा करते हुए सदस्य अरुण सिंह सिकरवार द्वारा स्वास्थ के प्रति जागरूकता एवं मेडिक्लेम बीमा करवाने की सलाह दी। आशीष शर्मा द्वारा एक दूसरे की समस्या को आपसी सहयोग से निपटाने का प्रस्ताव भी रखा। सतीश शर्मा द्वारा प्रतिमाह की 18 तारीख को वर्चुअल मीट के जरिए प्रस्ताव रखा। शंकर सिंह बिष्ट एवं किशोर सोनपुरे द्वारा अपने संयुक्त प्रस्ताव में बताया की हम लोग नियमित व्यायाम पर भी ध्यान रखें ताकि हम अपनी शासकीय कर्तव्यों के साथ पारिवारिक जिम्मेदारियों का भी ठीक से निर्वहन कर सकें।शिवेंद्र सिंह रघुवंशी द्वारा अपने प्रस्ताव में बताया की अगर हमारा बैचमेट कोई भी सदस्य किसी भी प्रकार के व्यसन में शरीक होता हैं, तो जिसे भी इसकी जानकारी मिलती हैं तो वो अपने साथी को इससे बचने के लिए निर्देशित करें और जो सदस्य इस व्यसन में शामिल है वह भी साथी द्वारा दिए गए सुझाव को अपनी नैतिक जिम्मेदारी मानकर स्वीकार करें। सभी प्रस्तावों पर सभी बैचमेट ने स्वीकृति दी। वर्चुअल मीट के समापन पर राजेंद्र मालवीय एवं विवेक सिंह भदौरिया द्वारा आभार व्यक्त किया। वर्चुअल मीट की जानकारी जितेंद्र शिवहरे जी ने दी।